आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत शनिवार को धर्मांतरण विवाद में कूद पड़े। भागवत ने कहा कि जिन लोगों को धर्मांतरण से एतराज है उन्हें इसके खिलाफ संसद में कानून लाना चाहिए।
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नई दिल्ली : आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत शनिवार को धर्मांतरण विवाद में कूद पड़े। भागवत ने कहा कि जिन लोगों को धर्मांतरण से एतराज है उन्हें इसके खिलाफ संसद में कानून लाना चाहिए।
भागवत ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, 'यदि आपको धर्मांतरण पसंद नहीं है तो आपको इसके खिलाफ संसद में कानून लाना चाहिए।' आरएसएस प्रमुख ने कहा कि जो लोग अन्य धर्मों से हिंदू धर्म में वापसी का विरोध कर रहे हैं, उन्हें पहले हिंदू धर्म को छोड़ अऩ्य धर्मों को अपनाने वालों पर रोक लगानी चाहिए।
भागवत ने यहां एक हिंदू सम्मेलन में कहा, ‘हम हिंदू समाज बनाने का प्रयास कर रहे हैं। जो लोग भटक गए हैं वे खुद से नहीं गए। उन्हें लालच दिया गया और उन्हें जबरन ले जाया गया। जब चोर पकड़ा जा रहा है और मेरी संपत्ति बरामद हो गयी है, जब मैं अपनी संपत्ति वापस ले रहा हूं तो इसमें नया क्या है?’
उन्होंने कहा, ‘अगर आप इसे पसंद नहीं करते तो इसके खिलाफ कानून बनाईए। आप इसे नहीं लाना चाहते। अगर आप हिंदू नहीं बनना चाहते तो आपको भी हिंदुओं का धर्म नहीं बदलना चाहिए। हमारा रुख दृढ़ है।’ उन्होंने कहा, ‘डरने की जरूरत नहीं है। हम अपने देश में हैं। हम घुसपैठिया नहीं हैं यह हमारा देश है, हमारा हिंदू राष्ट्र। कोई हिंदू अपनी जमीन नहीं छोड़ेगा। पहले जो हम खो चुके हैं उसे हम वापस लाने का प्रयास करेंगे। हिंदुओं के उत्थान से किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है। जो लोग हिंदुओं के उत्थान के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं वे स्वार्थी हैं और उनके निहित स्वार्थ हैं।’
भागवत ने कहा कि हिंदू समाज किसी को दबाने में विश्वास नहीं करता है। भागवत ने कहा, ‘बांग्लादेश या पाकिस्तान की तरफ से किए जा रहे अपराधों को हिंदू बर्दाश्त करते रहे हैं। हमारे भगवान कहते हैं कि सौ अपराधों के बाद हिंदुओं के खिलाफ अपराध को बर्दाश्त मत करो।’ उन्होंने कहा कि बंटवारे से पहले पाकिस्तान भी भारत का हिस्सा था और वहां हिंदुओं की ज्यादा उपस्थिति नहीं है इसलिए पाकिस्तान शांति से नहीं रह सकता।
भागवत ने कहा, ‘जब तक हिंदू यहां भारत में हैं, तब तक वह देश है। अगर वहां हिंदू नहीं होते तो यहां रहने वाला हर आदमी कष्ट में होता।’ उन्होंने कहा कि अपनी संपत्ति और गरिमा बचाने के लिए हिंदू काफी मजबूत हैं। उन्होंने कहा, ‘पूरी दुनिया की बेहतरी के लिए मजबूत हिंदू समाज की जरूरत है।’