इतिहास के पन्‍नों में सिमट जाएंगी टर्मिनल वन से जुड़ी 38 साल पुरानी यादें
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इतिहास के पन्‍नों में सिमट जाएंगी टर्मिनल वन से जुड़ी 38 साल पुरानी यादें

मुसाफिरों को बेहतर सलूयितें देने के लिए किया जा रहा है टर्मिनल-1A को जमींदोज, खाली हुई जगह पर होगा टर्मिनल-1D का विस्‍तार

1982 में कॉमनवेल्‍थ हेड्स आफ गवर्नमेंट मीटिंग में VVIPs अगुवानी के लिए T-1A का निर्माण किया गया था.

नई दिल्‍ली : दिल्‍ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय एयरपोर्ट के टर्मिनल-1A से जुड़ी 38 पुरानी यादें अब सिर्फ इतिहास के पन्‍नों तक सिमट के रह जाएंगी. तकरीबन 28 साल तक VVIPs की पहली पसंद रहे टर्मिनल-1A को जमींदोज करने का काम शुरू कर दिया गया है. टर्मिनल-1A के जमींदोज होते ही आईजीआई एयरपोर्ट के इतिहास से जुड़ा दूसरा अध्‍याय हमेशा के लिए बंद हो जाएगा. आईजीआई एयरपोर्ट का पहला अध्‍याय करीब 5 साल पहले टर्मिनल-1B के जमींदोज होते ही इतिहास के पन्‍नों का हिस्‍सा हो गया था. आईजीआई एयरपोर्ट की संचालक संस्‍था दिल्‍ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) ने अपने फैसले के तहत टर्मिनल-1A को तोड़ने का का काम शुरू कर दिया है. जल्‍द ही एयरपोर्ट पर टर्मिनल 1A बिल्डिंग की जगह एक समतल मैदान नजर आने लगेगा. जिसमें मौजूदा योजना के तहत टर्मिनल-1D की नई इमारत का विस्‍तार किया जाएगा.

  1. 1982 में शुरू हुआ था  टर्मिनल-1A
  2. T-1A से सिर्फ एयरबस की थी उड़ान
  3. 2010 में बंद कर दिया गया था T-1A
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अगले कुछ हफ्तों में T-1A को पूरी तरह से तोड़कर जमींदोज कर दिया जाएगा.

कामनवेल्‍थ राष्‍ट्र प्रमुखों की अगुवानी के लिए बना था टर्मिनल-1A
एयरपोर्ट के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार टर्मिनल-1A का निर्माण 1982 में आयोजित कॉमनवेल्‍थ हेड्स आफ गवर्नमेंट मीटिंग (सीएसओजीएम) में विभिन्‍न कॉमनवेल्‍थ देशों के राष्‍ट्राध्‍यक्षों की अगुवानी के लिए किया गया था. 1882 में हुए इस इंवेंट के बाद इस टर्मिनल को बंद कर दिया गया था. इसी बीच मुसाफिरों की तेजी से बढ़ती संख्‍या को देखते हुए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) को नए टर्मिनल की जरूरत हुई. चूंकि इस टर्मिनल का निर्माण खास तौर पर एयरबस कंपनी के विमानों की आवश्‍यकता के अनरूप किया गया था. लिहाजा 1988 में टर्मिनल-1A को इंडियन एयरलाइंस (मौजूदा समय में एयर इंडिया) की उड़ानों के लिए रिजर्व कर दिया गया था. 1988 से टर्मिनल-1A का इस्‍तेमाल एयर इंडिया की एयरबस फ्लाइट और टर्मिनल-1B से बो‍इंग के विमानों का परिचालन शुरू किया गया था. इसी वजह से इस टर्मिनल को लंबे समय तक एयरबस टर्मिनल के नाम से जाना जाता था. 2000 के बाद गो एयर सहित कुछ अन्‍य फ्लाइट्स को टर्मिनल-1A में स्‍थानांतरित कर दिया गया था.

2010 से बंद पड़ा है टर्मिनल-1A
एयरपोर्ट के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार 2010 में टर्मिनल थ्री के निर्माण के बाद एयर इंडिया की सभी फ्लाइट्स को टर्मिनल-2 और टर्मिनल-1A से स्‍थानांतरित कर दिया गया था. जिसके बाद से यह टर्मिनल बंद पड़ा हुआ है. इस टर्मिनल को दोबारा उपयोग में लेने के लिए डायल ने कई तरह के प्‍लान तैयार किए. जिसमें टर्मिनल-1Aको पहले हज टर्मिनल में बदलने की योजना तैयार की गई. इसके बाद इस टर्मिनल को चार्टर्ड प्‍लेन ऑपरेशन के लिए आरक्षित करने पर विचार किया गया. यह बात दीगर है कि डायल की दोनों योजनाएं फलीभूत नहीं हो सकीं. 

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T-1A के जमींदोज होने के बाद खाली हुई जमीन पर होगा T-1D का विस्‍तार, ऐसा होगा नया T-1D

मुसाफिरों की सहूलियतों को ध्‍यान में रखकर लिया गया फैसला
एयरपोर्ट के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार टर्मिनल-1A को तोड़ने का फैसला मुसाफिरों की सहूलियतों को ध्‍यान में रखकर लिया गया है. दरअसल, कुछ महीनों पहले तक सभी बजट एयरलाइंस का परिचालन टर्मिनल-1D से किया जा रहा था. 2017 में हालात ऐसे हो गए थे कि टर्मिनल-1D की क्षमता जहां 20 मिलियन प्रतिवर्ष थी, वहीं इस टर्मिनल से करीब 24 मिलियन मुसाफिरों का सालाना आवगमन हो रहा था. मुसाफिरों की संख्‍या के अनरूप टर्मिनल की क्षमता को बढ़ाकर 40 मिलियन प्रतिवर्ष करने का फैसला किया गया. जिसके तहत तैयार मास्‍टर प्‍लान में  टर्मिनल-1A को तोड़कर टर्मिनल-1D के विस्‍तार की योजना तैयार की गई. 

 

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