अचानक बढ़े तनिष्क के खरीदार, दुकानों पर जमा होने लगी भारी भीड़; जानिए वजह
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अचानक बढ़े तनिष्क के खरीदार, दुकानों पर जमा होने लगी भारी भीड़; जानिए वजह

विज्ञापन निर्माता ने स्पष्ट किया कि इस विज्ञापन के पीछे सिर्फ सांस्कृतिक वास्तविकताओं को दिखाने का मकसद था, और ये बिल्कुल भी राजनीतिक नहीं था. साथ ही उन्होंने कहा कि तनिष्क का 'एकत्वम' या एकता अभियान जारी रहेगा.

अचानक बढ़े तनिष्क के खरीदार, दुकानों पर जमा होने लगी भारी भीड़; जानिए वजह

नई दिल्लीः तनिष्क को लेकर हुए विवाद के बाद से तमाम लोगों ने इस ब्रांड के प्रोडट्स को बॉयकॉट करना शुरू कर दिया था. हालांकि अब अचानक तनिष्क से ज्वेलरी खरीदने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. तनिष्क के एक विज्ञापन के चलते जहां एक ओर विवाद खड़ा हुआ तो वहीं दूसरी ओर ज्वेलरी ब्रांड को मुनाफा भी हो रहा है. जी हां, यह बात हम नहीं बल्कि तनिष्क के विज्ञापन अभियान के निर्माता (Advertisement Campaign Creator) ने बयां की है.

  1. विवाद के बाद तनिष्क को मुनाफा, बढ़ी लोकप्रियता
  2. विज्ञापन निर्माता का बयान, विज्ञापन वापस लिए जाने के बावजूद समर्थन में उतरे कई लोग
  3. विज्ञापन निर्माता ने कहा, तनिष्क का 'एकत्वम' या एकता अभियान जारी रहेगा
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तनिष्क के विज्ञापन निर्माता ने मंगलवार (20 अक्टूबर) को एक इंटरव्यू में कहा कि विवाद खड़े होने के बाद अधिक संख्या में लोगों ने ब्रांड के विज्ञापन को देखा है जिससे कंपनी की लोकप्रियता बढ़ी. लिहाजा अब तनिष्क के प्रोडक्ट्स के खरीददारों की संख्या भी बढ़ गई है. 

विज्ञापन का विरोध करने वालों के खिलाफ बोलने लगे लोग
तनिष्क के जिस विज्ञापन को वापस ले लिया गया है, उसके निर्माता का कहना है कि विज्ञापन को बड़ी संख्या में लोगों ने देखा और इस विवाद से एक ऐसा ‘रुझान’ पैदा हुआ, जहां कई लोग अपनी राय जाहिर करने के लिए तनिष्क के उत्पाद खरीद रहे हैं. इस विज्ञापन अभियान को तैयार करने वाली एजेंसी What's Your Problem के मैनेजिंग पार्टनर और क्रिएटिव हेड अमित अकाली के मुताबिक विज्ञापन में वास्तविकता दिखाई गई है, और विवाद के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने विरोध करने वालों के खिलाफ बोलना शुरू कर दिया है.

किसी को नहीं थी एड से ऐसी प्रतिक्रिया की उम्मीद
उन्होंने इंटरव्यू के दौरान कहा कि किसी ने भी ऐसी प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं की होगी, क्योंकि सांप्रदायिक सद्भाव (Communal Harmony) हमारे तानेबाने का केंद्र है. उन्होंने विज्ञापन वापस लेने के संबंध में तनिष्क को एक बहादुर कंपनी करार दिया, जिसने किसी विवाद की आशंका में कर्मचारियों की सुरक्षा पर ध्यान दिया.

गौरतलब है कि टाटा समूह (Tata Group) ने 55 सेकेंड के तनिष्क विज्ञापन को वापस लेने का फैसला किया, जिसमें एक मुस्लिम सास को अपनी गर्भवती हिंदू बहू का ध्यान रखते हुए दिखाया गया है. सोशल मीडिया पर कुछ समूहों ने इस विज्ञापन पर नाराजगी जताई थी.

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तनिष्क के समर्थन में उतरे लोग
अकाली ने कहा, 'लोग हमारे सपोर्ट में आ रहे हैं और हमसे कह रहे हैं कि हम इस विज्ञापन को खत्म नहीं होने देंगे. वे विज्ञापन वीडियो को शेयर कर रहे हैं, भले ही इसे हटा दिया गया है. ऐसा रुझान भी है, जहां लोग तनिष्क से खरीदारी कर हमें बिल दिखा रहे हैं.' विज्ञापन वापस लिए जाने के बावजूद कई लोग इसके समर्थन में आए और ऑनलाइन ट्रोल के खिलाफ अपनी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा, 'हम उस स्तर पर हैं, जहां बहुमत बोल रहा है और यहीं से तनिष्क के लिए प्यार आ रहा है.' 

विज्ञापन का मकसद
उन्होंने कहा कि ज्यादातर लोग चुप रहना पसंद करते हैं, लेकिन एक छोटा मुखर वर्ग है, जो बोलता रहता है. विज्ञापन निर्माता ने यह भी स्पष्ट किया कि इस विज्ञापन के पीछे सिर्फ सांस्कृतिक वास्तविकताओं को दिखाने का मकसद था, और ये बिल्कुल भी राजनीतिक नहीं था. साथ ही उन्होंने कहा कि तनिष्क का 'एकत्वम' या एकता अभियान जारी रहेगा.

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