समाजवादी पार्टी में चल रही खींचतान के बीच आज मुलायम सिंह यादव चुनाव आयोग से मिलने पहुंचे।बैठक के बाद मुलायम सिंह यादव ने कहा कि अखिलेश मेरा बेटा है और हमारे बीच कोई बात होगी तो हम मिलकर सुलझा लेंगे। उनकी बैठक लगभग एक घंटे तक चली, चुनाव आयोग ने उनसे अपने समर्थकों की लिस्ट मांगी थी, इसलिए वे आज हलफनामा दाखिल करने शिवपाल यादव और अमर सिंह के साथ पहुंचे थे।
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नई दिल्ली:समाजवादी पार्टी में चल रही खींचतान के बीच आज मुलायम सिंह यादव चुनाव आयोग से मिलने पहुंचे।बैठक के बाद मुलायम सिंह यादव ने कहा कि अखिलेश मेरा बेटा है और हमारे बीच कोई बात होगी तो हम मिलकर सुलझा लेंगे। उनकी बैठक लगभग एक घंटे तक चली, चुनाव आयोग ने उनसे अपने समर्थकों की लिस्ट मांगी थी, इसलिए वे आज हलफनामा दाखिल करने शिवपाल यादव और अमर सिंह के साथ पहुंचे थे।
उन्होंने बताया कि पार्टी में कुछ विवाद है और उसका कारण एक व्यक्ति है, जल्दी ही समस्या को समाधान कर लिया जायेगा।
इससे पहले के घटनाक्रम में सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने साफ कर दिया कि वे ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहेंगे, अखिलेश सीएम और शिवपाल सिंह यादव सपा के प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे।
Delhi: Mulayam Singh Yadav, Amar Singh and Shivpal Singh Yadav reach Election Commission pic.twitter.com/O1Xg6vXzxF
— ANI (@ANI_news) 9 January 2017
वहीं रामगोपाल यादव ने सपा के दोनों खेमों के बीच किसी सुलह की संभावना से इनकार किया है और कहा कि चार-छह लोगों ने नेताजी को गुमराह किया कि उन्हें 200 विधायकों का समर्थन हासिल है, उनके रुख का अब पर्दाफाश हो गया है। इससे पहले लखनऊ में मुलायम ने सुलह के सवाल पर कहा कि जब विवाद ही नहीं तो समझौता कैसा।
'अखिलेश मेरा ही लड़का है वह जो कर रहा है, उसे करने दो, मार थोड़े ही देंगे'
रविवार को लखनऊ से दिल्ली पहुंचे मुलायम सिंह और शिवपाल यादव के बीच दिनभर बैठकों का दौर चला। इस दौरान पार्टी सांसद अमर सिंह भी मौजूद रहे। दोपहर के वक्त घर के बाहर नारेबाजी कर रहे पार्टी नेताओं को मुलायम सिंह यादव ने अंदर बुलाया और समझाते हुए कहा कि अखिलेश मेरा ही लड़का है। अब क्या कर सकते हैं। वह जो कर रहा है, उसे करने दो। मार थोड़े ही देंगे। अब सब कुछ उसके पास है। मेरे पास तो गिनती के विधायक हैं। जाओ चुनाव तैयारियों में जुट जाओ।
इससे पहले कल लखनऊ में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव ने जोर दिया कि वह अब भी पार्टी के अध्यक्ष हैं। इसके साथ ही उन्होंने अखिलेश यादव खेमे द्वारा आयोजित उस अधिवेशन की वैधता पर सवाल किए जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पार्टी का नया अध्यक्ष घोषित किया गया था।
I am Samajwadi party chief and Akhilesh Yadav is the Chief Minister UP, Shivpal Yadav is the state President: Mulayam Singh Yadav pic.twitter.com/prceqFQraC
— ANI UP (@ANINewsUP) 8 January 2017
पार्टी पर नियंत्रण को लेकर पिछले कुछ दिनों से जारी संघर्ष के बीच मुलायम ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मैं समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं और अखिलेश यादव (सिर्फ) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। शिवपाल यादव अब भी सपा की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष हैं।’
उन्होंने पहले से तैयार एक बयान को पढ़ते हुए जोर दिया, ‘रामगोपाल यादव को 30 दिसंबर 2016 को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया गया था। इसलिए एक जनवरी 2017 को उनके द्वारा बुलाया गया राष्ट्रीय अधिवेशन अवैध था।’
#WATCH Live via ANI Facebook: Mulayam Singh Yadav addresses a press conference in Delhi #SPfeud https://t.co/s6NjZ0Ry3Q
— ANI (@ANI_news) 8 January 2017
अखिलेश और उनके समर्थक पार्टी में पारिवारिक विवाद के लिए अमर सिंह पर दोषारोपण करते रहे हैं। अमर सिंह ने दावा किया कि अखिलेश के समर्थक विधायकों के हस्ताक्षरों का ‘कोई मूल्य’ नहीं है क्योंकि चार जनवरी को आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने के बाद वे वास्तव में विधायक नहीं रह गए हैं।
Mai aur Shivpal mitti they.Jis kumhaar ne humara nirmaan kiya,humari pratima banayi wo Mulayam Singh hai. Hum uske 2 baazu hain- Amar Singh pic.twitter.com/oRMmqTruc1
— ANI UP (@ANINewsUP) 8 January 2017
उन्होंने कहा कि जिन प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए हैं, उनमें से अधिकतर की नियुक्ति एक जनवरी के बाद हुयी है। इस बीच रामगोपाल यादव ने सपा के दोनों खेमों के बीच किसी सुलह की संभावना से इंकार किया और कहा कि चार-छह लोगों ने नेताजी को गुमराह किया कि उन्हें 200 विधायकों का समर्थन हासिल है। उनके रूख का अब पर्दाफाश हो गया है।
उन्होंने हालांकि कहा कि उस राष्ट्रीय अधिवेशन में मुलायम को पार्टी का संरक्षक नियुक्त किया गया जिसमें अखिलेश को सपा का नया अध्यक्ष बनाया गया था। सपा में जारी विवाद में अखिलेश के साथ नजर आए रामगोपाल ने कहा कि पार्टी के दिल्ली कार्यालय में नेताजी का नेमप्लेट अब भी लगा हुआ है।
इसके पहले दिन में, जब मुलायम लखनऊ से दिल्ली पहुंचे, उनके कुछ समर्थकों ने अखिलेश के खिलाफ नारेबाजी की। उनके कुछ समर्थकों ने दावा किया कि बाद में मुलायम ने उनसे अपने निवास पर कहा कि हालांकि उनके पास संख्या नहीं है लेकिन अखिलेश उनके पुत्र हैं और समर्थकों को उनके खिलाफ नारेबाजी नहीं करनी चाहिए।
अमर सिंह ने दावा किया कि रामगोपाल द्वारा बुलाया गया सम्मेलन ‘फर्जी’ था क्योंकि सिर्फ पार्टी के निर्वाचित अध्यक्ष ही आपात स्थिति में सम्मेलन बुलाने के लिए अधिकृत हैं। ‘क्या कोई इस बात पर विवाद कर सकता है कि मुलायम अब भी सपा के एकमात्र निर्वाचित अध्यक्ष हैं।’
These people are not letting netaji think freely for the last 1,2 years...giving him wrong information: Ramgopal Yadav #SPfeud pic.twitter.com/uEaMnLt7aa
— ANI UP (@ANINewsUP) 8 January 2017
अमर सिंह ने इस बात को खारिज कर दिया कि पार्टी में उनकी वजह से विवाद है। उन्होंने कहा, ‘मैंने परिवार को एकजुट रखने के लिए इस्तीफे की पेशकश की।’ दिल्ली पहुंचने के बाद मुलायम ने अमर शिवपाल और कुछ वकीलों के साथ सलाह मशविरा किया। संवाददाता सम्मेलन में अमर सिंह और शिवपाल भी मौजूद थे।