Martyr Agniveer Akshay: सियाचिन में ड्यूटी के दौरान एक अग्निवीर (Agniveer) ने शहादत दे दी है. ये जवान 'फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स' में तैनात था जो ग्लेशियर से भरे दुर्गम इलाकों में सीमा की सुरक्षा में तैनात रहती है. अग्निवीर की शहादत पर सेना ने गहरी संवेदना जताई है. अग्निवीर 'फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स' में ड्यूटी के दौरान शहीद हुआ. सेना ने सर्वोच्च बलिदान को सलाम किया. आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे और सुरक्षाबलों के सभी रैंक के अधिकारियों ने महाराष्ट्र के अग्निवीर गवते अक्षय लक्ष्मण के दुनिया से जाने पर अफसोस जताया. लेकिन इस बीच अग्निवीर की शहादत पर देश में एक नई बहस छिड़ गई है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से लेकर कई विपक्षी नेताओं ने अग्निवीर अक्षय की शहादत पर बयान दिया है. जिसके बाद सरकार विपक्षी नेताओं में आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए.


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शहीद अग्निवीर के सर्वोच्च बलिदान को सलाम


जान लें कि काराकोरम माउंटेन में लगभग 20 हजार फुट की ऊंचाई पर मौजूद सियाचिन हिमनद को दुनिया के सबसे ऊंचे मिलिट्री जोन के तौर पर जाना जाता है. सियाचिन में सैनिकों को बहुत ज्यादा ठंड और तेज हवाओं का सामना करना पड़ता है. सियाचिन में ड्यूटी के दौरान किस वजह से अग्निवीर अक्षय की जान गई, इसकी जांच की जा रही है. ‘फायर एंड फ्यूरी कोर’ की तरफ से कहा गया कि फायर एंड फ्यूरी कोर के सभी अधिकारी सियाचिन की दुर्गम ऊंचाइयों पर ड्यूटी के दौरान अग्निवीर गवते अक्षय लक्ष्मण के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं और उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं.


अग्निवीर की शहादत पर सियासी बहस


गौरतलब है कि अग्निवीर अक्षय की शहादत पर बहस तब छिड़ी जब राहुल गांधी ने कहा कि अग्निवीर, भारत के वीरों के अपमान की योजना है. अग्निवीरों की शहादत के बाद उसके परिजनों को पेंशन या अन्य कोई पैसा नहीं दिया जाता है. हालांकि, राहुल गांधी के आरोपों को बीजेपी ने सिरे से खारिज कर दिया. राहुल गांधी ने कहा था कि 'एक युवा, देश के लिए शहीद हो गया- सेवा के समय न ग्रेच्युटी न अन्य सैन्य सुविधाएं, और शहादत पर परिवार को पेंशन तक नहीं.


बीजेपी का राहुल पर पलटवार


फिर राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए बीजेपी नेता अमित मालवीय ने आरोपों को 'बिल्कुल बेबुनियाद और गैरजिम्मेदाराना' बताया. मालवीय ने कहा कि अग्निवीर गवाते अक्षय लक्ष्मण ने सेवा के दौरान अपने प्राण गंवाए हैं और इसलिए वह ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले सैनिक के रूप में अनुग्रह राशि के हकदार हैं. इसलिए फर्जी खबरें न फैलाएं. आप प्रधानमंत्री बनने की आकांक्षा रखते हैं, कोशिश करें और वैसा ही व्यवहार करें.


सेना के सूत्रों के मुताबिक, अग्निवीरों की भर्ती करने के नियमों में, ड्यूटी पर शहीद होने की स्थिति में परिवार को अनुग्रह राशि मिलती है. इसके अनुसार, शहीद अग्निवीर अक्षय के परिजनों को नॉन-कंट्रीब्यूटरी इंश्योरेंस के रूप में 48 लाख रुपये के साथ-साथ 44 लाख रुपये की अनुग्रह राशि मिलेगी. इसके साथ ही परिजनों को सेवा निधि से भी रुपये मिलेंगे. उसमें अग्निवीर की तरफ से 30 फीसदी और सरकार की तरफ से उतने ही योगदान और उस पर ब्याज मिलता है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि शहीद अग्निवीर के परिजनों को शहादत की तारीख से चार साल में बाकी कार्यकाल का वेतन यानी 13 लाख से ज्यादा रुपये भी मिलेंगे. इसके अलावा शहीद अग्निवीर के परिवार को ‘सशस्त्र बल युद्ध हताहत कोष’ से 8 लाख रुपये भी मिलेंगे.