बजट में कृषि को मिलेगी प्राथमिकता, वित्तमंत्री अरुण जेटली ने दिए संकेत
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बजट में कृषि को मिलेगी प्राथमिकता, वित्तमंत्री अरुण जेटली ने दिए संकेत

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि सरकार ने कृषि को अपनी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर रखा है. 

जेटली ने कहा कि सरकार चाहती है कि आर्थिक विकास का लाभ किसानों तक भी पहुंचे ताकि समानता लाई जाए...(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: वित्तमंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि सरकार ने कृषि को अपनी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर रखा है और सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि आर्थिक विकास का लाभ किसानों तक भी पहुंचे ताकि समानता लाई जाए. वित्तमंत्री अरुण जेटली रविवार को नेशनल कमोडिटी व डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीएक्स) पर ग्वारसीड में ऑप्शंस ट्रेडिंग का नया डेरिवेटिव्स टूल लांच करने के अवसर पर बोल रहे थे.

  1. जेटली ने कहा - किसानों को वित्तीय साधन में व्यापार करने का विकल्प मिलेगा
  2. सरकार चाहती है कि आर्थिक विकास का लाभ किसानों तक पहुंचे 
  3. विकास का वह लाभ किसानों को मिलना चाहिए, यह हमारी प्राथमिकता

एक फरवरी को बजट पेश होने के पूर्व वित्तमंत्री के इस बयान को काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि चालू वित्त वर्ष में कृषि विकास दर में गिरावट दर्ज की गई है. कर्नाटक, राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे कई प्रमुख कृषि उत्पादक प्रदेशों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और 2019 में लोकसभा चुनाव भी है. ये सारे ऐसे कारक हैं जो बजटीय आवंटन में कृषि क्षेत्र को प्रमुखता देने में प्रभावकारी बन सकते हैं. 

जेटली ने कहा, "हमारे कृषि बाजार के विकास के क्रम में यह बड़ी पहल में से एक है. किसानों को वित्तीय साधन (इंस्ट्रमेंट) में व्यापार करने का विकल्प मिलेगा." उन्होंने कहा, "हम अभाव के दौर से निकल आए हैं. किसानों ने बड़ा बदलाव लाया है. विकास का वह लाभ किसानों को मिलना चाहिए. यह हमारी प्राथमिकता है."

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जेटली ने कहा, "भारत दुनिया के सबसे तेजी से विकास करने वाले देशों में शुमार है और विकास का लाभ विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को मिल रहा है." उन्होंने कहा, "लेकिन, अधिकांश आबादी कृषि पर निर्भर करती है और लाभ जब तक स्पष्ट रूप से नजर न आए, तब तक विकास उचित व समान नहीं है. विकास का लाभ कृषि क्षेत्र को पहुंचना और वहां विकास दिखना, हमारी प्राथमिकताओं में शामिल है."

वीडियो के जरिये कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि इस पहल से किसानों को फसलों के बेहतर मूल्य दिलाना संभव होगा और उपभोक्ताओं के लिए भी उचित भाव पर कृषि उत्पाद उपलब्ध होंगे. उन्होंने कहा, "ट्रेडिंग के लिए पारदर्शी व्यवस्था होनी चाहिए जिससे देश के किसी भी हिस्से में किसान अपनी फसल बेच पाएं." 

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