ऑगस्‍टा वेस्‍टलैंड डील: रिश्‍वत मामले को लेकर संसद में हंगामा, सुब्रहमण्यम स्वामी ने किया सोनिया गांधी का जिक्र, बिफरे कांग्रेसी
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ऑगस्‍टा वेस्‍टलैंड डील: रिश्‍वत मामले को लेकर संसद में हंगामा, सुब्रहमण्यम स्वामी ने किया सोनिया गांधी का जिक्र, बिफरे कांग्रेसी

ऑगस्‍टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदा रिश्वत मामले में बुधवार को राज्यसभा में मनोनीत सदस्य सुब्रहमण्यम स्वामी की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष का नाम लिए जाने पर सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस सदस्यों के बीच तीखी तकरार हुई और सदन में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेसी सांसद हंगामा करते हुए वेल तक आ पहुंचे और नारेबाजी की।

ऑगस्‍टा वेस्‍टलैंड डील: रिश्‍वत मामले को लेकर संसद में हंगामा, सुब्रहमण्यम स्वामी ने किया सोनिया गांधी का जिक्र, बिफरे कांग्रेसी

नई दिल्ली : ऑगस्‍टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदा रिश्वत मामले में बुधवार को राज्यसभा में मनोनीत सदस्य सुब्रहमण्यम स्वामी की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष का नाम लिए जाने पर सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस सदस्यों के बीच तीखी तकरार हुई और सदन में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेसी सांसद हंगामा करते हुए वेल तक आ पहुंचे। हंगामे के बीच सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। बहरहाल, उप सभापति पीजे कुरियन ने बाद में कार्यवाही से कांग्रेस प्रमुख का नाम निकाल दिया।

स्वामी ने नियम 267 के तहत दिए गए एक नोटिस के माध्यम से ऑगस्‍टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदा रिश्वत मामले का मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि इटली के उच्च न्यायालय में एक पत्र के माध्यम से, इस सौदे के बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष इस सौदे की ‘मुख्य लाभार्थी’ हैं। स्वामी ने कांग्रेस अध्यक्ष का जैसे ही नाम लिया, विपक्षी दल कड़ी आपत्ति जताते हुए आसन के समक्ष आ गए और नारे लगाने लगे। कुछ सदस्यों को सत्ता पक्ष की बेंचों का रुख कर नारे लगाते और उत्तेजित हो कर हवा में अपनी मुट्ठियां लहराते हुए देखा गया।

सत्ता पक्ष के सदस्य भी कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए नारे लगाने लगे। सदन में अप्रिय स्थिति उत्पन्न होने की आशंका के चलते कुछ मार्शल आसन के समक्ष आए और सत्ता पक्ष तथा विपक्षी सदस्यों के बीच खड़े हो कर उन्हें दूरी रखने के लिए इशारा करते देखे गए। उप सभापति पीजे कुरियन ने सदस्यों से शांत रहने और कार्यवाही चलने देने को कहा लेकिन सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने 11 बजकर 25 मिनट पर बैठक को दस मिनट के लिए स्थगित कर दिया। दस मिनट बाद बैठक पुन: शुरू होने पर कुरियन ने स्वामी से कहा कि वह पहले भी इस सदन के सदस्य रह चुके हैं और यह बात जानते हैं कि दूसरे सदन के सदस्य का या ऐसे किसी भी व्यक्ति का यहां सदन में नाम नहीं लिया जाना चाहिए जो अपना बचाव करने के लिए यहां मौजूद न हो। उन्होंने कार्यवाही से स्वामी द्वारा नाम ले कर दिए गए संदर्भ से कांग्रेस अध्यक्ष का नाम हटाने का आदेश दिया।

 

कुरियन ने स्वामी से कहा कि वह उन पर नाराजगी जाहिर नहीं करेंगे क्योंकि यह उनका (स्वामी का) उच्च सदन के लिए मनोनीत किए जाने के बाद पहला संबोधन है। लेकिन दूसरे सदन के सदस्य का नाम कार्यवाही से हटाया जाता है। बहरहाल, कांग्रेस सदस्य कुरियन की व्यवस्था से संतुष्ट नहीं हुए और स्वामी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए फिर से आसन के समक्ष आ गए। कुरियन ने सदस्यों से शांत रहने और कार्यवाही चलने देने को कहा। संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह अराजकता है और सदस्य को (स्वामी को) उसके बोलने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। हंगामा थमते न देख कुरियन ने पांच मिनट के भीतर ही बैठक को दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। इससे पहले जब बैठक दस मिनट के लिए स्थगित हुई तो भाजपा सदस्य कांग्रेस को कड़ी प्रतिक्रिया के वास्ते उकसाने के लिए स्वामी को बधाई देते देखे गए।

रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने स्वामी के पास जा कर उनसे बात की। मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने भी स्वामी के पास जा कर उनसे बात की। इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा और सदन के नेता एवं वित्त मंत्री अरूण जेटली सभापति के कक्ष में गए। बैठक शुरू होने से कुछ पहले संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी स्वामी को अलग ले जा कर उनसे कुछ कहते देखे गए। दूसरी बार बैठक स्थगित होने के बाद जेटली स्वामी के साथ बात करते देखे गए। हंगामे के दौरान पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा कि स्वामी अपनी बात पूरी कर लें, फिर वह अपना पक्ष रखना चाहेंगे। वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदा जब हुआ था तब एंटनी ही रक्षा मंत्री थे।

पूर्व में, बैठक शुरू होने पर विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने एक अंग्रेजी अखबार में आई खबर का उल्लेख करते हुए सरकार से जानना चाहा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल सितंबर में अपने इतालवी समकक्ष के साथ कोई बैठक की थी। उन्होंने पूछा कि अगर बैठक हुई थी तो क्या प्रधानमंत्री ने हेलीकॉप्टर सौदे में गांधी परिवार के बारे में जानकारी हासिल करने के एवज में दो इतालवी मरीनों को रिहा करने की पेशकश की थी। आजाद ने कहा कि अदालत का फैसला आ गया है और अब राजग सरकार इतालवी मरीनों को स्वदेश जाने की अनुमति दे रही है। इसका मतलब है कि सौदा हुआ है। सदन में विपक्ष के नेता ने कहा कि कांग्रेस की अगुवाई वाली संप्रग सरकार ने हेलीकॉप्टर सौदे में गड़बड़ी की खबरें आने के बाद वर्ष 2013 में इस सौदे को रद्द कर दिया था और सीबीआई तथा प्रवर्तन निदेशालय को भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने का आदेश दिया था।

उन्होंने कहा कि तत्कालीन सरकार ने बैंक गारंटी जब्त कर ली थी और भुगतान किया जा चुका धन वापस हासिल कर लिया था। तब तक सौदे के तहत तीन हेलीकॉप्टर मिल चुके थे जिन्हें वापस नहीं लौटाया गया। आजाद ने यह भी कहा कि तत्कालीन संप्रग सरकार ने इतालवी निर्माता फिनमैकनिका को काली सूची में डाल दिया था लेकिन मोदी सरकार ने उसे इस सूची से बाहर कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि अब यह कंपनी मोदी सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान का हिस्सा है। जेटली ने आजाद के सवाल के जवाब में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके इतालवी समकक्ष के बीच बैठक की खबरें पूरी तरह गलत और सत्य से परे हैं। वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि ऐसी कोई बैठक, कभी नहीं हुई। जेटली ने मीडिया की इस खबर को गलत बताया कि गांधी परिवार के बारे में जानकारी हासिल करने के एवज में मोदी ने इतालवी मरीनों को जाने देने की पेशकश की थी।

उन्होंने कहा कि मुख्य मुद्दा यह है कि रक्षा सौदा हासिल करने के लिए रिश्वत दिए जाने के आरोप हैं। रिश्वत देने वाले को दोषी ठहराया जा चुका है और अब रिश्वत लेने वाले की पहचान की जानी है। जेटली ने कहा कि कथित बिचौलिये के लिखित ब्यौरे की जांच की जानी है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जांच चल रही है। स्वामी जब बोलने के लिए उठे तो उन्होंने कहा कि आजाद जहां बिचौलिये मिशेल के मौखिक बयान पर भरोसा कर रहे हैं वहीं इटली के उच्च न्यायालय के रिकॉर्ड में मिशेल का लिखा पत्र है जिसमें साफ कहा गया है कि सोनिया गांधी मुख्य लाभार्थी हैं।

 

गौरतलब है कि संप्रग सरकार ने वर्ष 2010 में वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदा किया था जिसके तहत इतालवी निर्माता फिनमैकनिका से 12 हेलीकॉप्टर खरीदे जाने थे। बाद में खबरों में कहा गया कि इतालवी कंपनी ने इस सौदे के लिए 3,565 करोड़ रुपये की रिश्वत दी है।

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