Air india plane crash ahmedabad: एयर इंडिया के लिए जून का महीना पूरी जिंदगी के लिए काले इतिहास के तौर पर जुड़ गया. अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया है.सबके जेहन में एक ही बात है कि आखिर इतना बड़ा हादसा हुआ कैसे? क्या इसके पीछे कोई भयंकर साजिश थी, क्या कोई तकनीकी खराबी? जानें अब तक क्या आया सच.
Trending Photos
Ahmedabad Air India plane crash Reason: एयर इंडिया प्लेन हादसे को 8 दिन हो गए हैं. अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक ठोस वजहें हादसे की सामने नहीं आई हैं. अभी इसकी जांच चल रही है. 12 जून 2025 को अहमदाबाद में घटी घटना ने देश समेत पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है. किसने कल्पना की होगी कि लंदन गैटविक जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 टेकऑफ के 30 सेकंड बाद मेघानी नगर में बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर क्रैश हो जाएगी. बोइंग 787 ड्रीमलाइनर में 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर थे में 241 लोगों की मौत हो जाएगी.
विमान हादसे के पीछे साजिश या तकनीकी खराबी?
विमान हादसे के दौरान एक आदमी जिंदा बच जाएगा. विमान तो छोड़िए धरती पर लोगों की मौत हो जाएगी. लेकिन घटना घट गई और बहुत सारे सवाल छोड़ दिया है. जो लोगों को परेशान कर रहा है. सबसे बड़ा सवाल यह है आखिर इतनी बड़ी घटना हुई कैसे? क्या यह हादसा महज तकनीकी खराबी था, या इसके पीछे कोई बहुत बड़ी गहरी साजिश थी? जांच में 2020 की गैटविक घटना से क्यों तुलना हो रही है. आइए समझते हैं पूरा मामला और जानते हैं इस हादसे की कहानी.
2020 की घटना से क्या है कनेक्शन?
इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रहे एयर इंडिया के विमान AI-171 के 12 जून को दुर्घटनाग्रस्त होने की जांच कर रहे जांचकर्ता गैटविक में फरवरी 2020 में हुई एक घटना पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं, जिसमें एयरबस A321 शामिल था, जिसमें उड़ान भरने के तुरंत बाद दोनों इंजन खराब हो गए थे. इसके कारण विमान को वापस गैटविक लौटने से पहले 11 मिनट बाद वापस लौटना पड़ा था. 2020 की अपनी जांच में यूके एयर एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (AIIB) जो 12 जून की दुर्घटना की जांच करने के लिए अहमदाबाद में भी है उन्होंन पाया कि इंजन की विफलता का कारण ईंधन प्रणाली का दूषित होना था, भले ही इंजीनियरों को उस रात उड़ान भरने के लिए मंजूरी देने से पहले कोई खराबी नहीं मिली थी.
भारत, यूके और अमेरिका मिलकर कर रहा जांच!
अभी तक इस मामले में भारत की AAIB, यूके की AAIB, और अमेरिका की NTSB टीमें इस हादसे की जांच में शामिल हैं. शुरुआती जांच में पता चला कि विमान में बिजली की कमी और दोनों इंजनों का फेल होना हादसे की मुख्य वजह हो सकता है. जांचकर्ता 2020 की गैटविक घटना से तुलना कर रहे हैं, जहां एक एयरबस A321 के इंजन ईंधन में पानी की मिलावट से फेल हुए थे. उस वक्त इंजीनियरों ने उड़ान से पहले कोई खराबी नहीं पकड़ी थी. AI-171 के मलबे और ईंधन टैंकों की रासायनिक जांच चल रही है. अगर ईंधन में पानी या जंग मिली, तो यह हादसे की बड़ी वजह हो सकती है. एक अधिकारी ने बताया कि ईंधन दूषित होना पावर लॉस की आम वजह है, जो अक्सर हवा में ही पता चलता है.
ब्लैक बॉक्स से मिल सक सकता है सुराग
विमान के दोनों ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट डेटा और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर) मिल गए हैं, लेकिन आग और धमाकों से इतने क्षतिग्रस्त हैं कि डेटा निकालना मुश्किल है, इसलिए इन्हें अमेरिका की NTSB लैब में भेजने की बात चल रही है. ब्लैक बॉक्स से पायलट की आखिरी बातचीत, इंजन की स्थिति, और सिस्टम की जानकारी मिल सकती है. जांच में पता चला कि रैम एयर टरबाइन (RAT), जो बिजली फेल होने पर बैकअप देती है. चालू थी तो 625 फीट की कम ऊंचाई पर यह मदद नहीं कर सकी. क्योंकि सुरक्षित लैंडिंग के लिए 3600-4900 फीट की ऊंचाई चाहिए थी.
साजिश की अफवाहें
सोशल मीडिया पर साजिश की बातें भी खूब चल रही हैं. कुछ यूजर्स का दावा है कि हादसा सुनियोजित था, खासकर क्योंकि इसमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपानी की मौत भी शामिल है. एक एक्स पोस्ट में दावा किया गया कि ईंधन वाल्व बंद होने से हादसा हुआ और इसमें सियासी साजिश हो सकती है. एक अन्य पोस्ट में CIA की पूर्व एजेंट सारा एडम्स के हवाले से अमेरिका और पाकिस्तान की साजिश की बात कही गई, लेकिन यह दावा बिना सबूत के है. विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी अफवाहें बिना पुख्ता सबूत के भरोसेमंद नहीं हैं. जांच में अभी तक साजिश का कोई ठोस सबूत नहीं मिला है.
पायलट की गलती नहीं?
पायलट सुमीत सभरवाल जिन्हें 8,200 उड़ान घंटे विमान उड़ाने और और को-पायलट क्लाइव कुंदर जिन्हें भी कई हजार घंटे विमान उड़ाने का अनुभव था, इन दोनों ने विमान को हादसे से बचाने की मैनुअल कंट्रोल की कोशिश खूब की लेकिन कम ऊंचाई की वजह से विमान को बचाना नामुमकिन था. बोइंग 787 में रैम एयर टरबाइन (RAT) बैकअप पावर देती है, लेकिन इसके लिए 3600-4900 फीट की ऊंचाई चाहिए. जांच में कॉकपिट की गलती नहीं दिखी.
एयर इंडिया के रखरखाव पर सवाल
AI-171 ने हादसे से पहले 24-48 घंटों में टोक्यो, पेरिस, और दिल्ली की उड़ानें भरी थीं. जांच में इन उड़ानों के तकनीकी लॉग चेक किए जा रहे हैं. क्या पिछले पायलटों या इंजीनियरों ने इंजन में दिक्कत देखी थी? क्या ECAM (इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटर) ने चेतावनी दी थी? एयर इंडिया के 34 बोइंग 787 में से 24 की हाल ही में जांच हुई थी, और कोई बड़ी खामी नहीं मिली. लेकिन अगर जिससे एयर इंडिया की छवि को भी गहरा झटका लगा है, DGCA ने एयर इंडिया के 34 बोइंग 787 विमानों की जांच के आदेश दिए हैं. वैश्विक स्तर पर, ब्रिटेन, कनाडा, और पुर्तगाल के नागरिकों की मौत ने इसे अंतरराष्ट्रीय मसला बना दिया. इस हादसे की अभी तक की कोई ठोस वजह सामने नहीं आ पाई है. पूरी जांच के बाद इस मामले पर कुछ कहा जा सकता है. जब भी इस हादसे की वजह सामने आएगी पूरे भारत समेत दुनिया में एक बार फिर इसकी चर्चा होगी.