दुनिया में 35% विमान टेकऑफ के दौरान होते हैं क्रैश, क्यों होता है इतना रिस्की? जानें क्या हो सकती हैं हादसे की वजह
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दुनिया में 35% विमान टेकऑफ के दौरान होते हैं क्रैश, क्यों होता है इतना रिस्की? जानें क्या हो सकती हैं हादसे की वजह

Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद प्लेन हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया है. हादसे के बाद बड़े पैमाने पर बचाव का काम हो रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि ज्यादातर हादसे टेकऑफ के दौरान ही होते हैं. 

दुनिया में 35% विमान टेकऑफ के दौरान होते हैं क्रैश, क्यों होता है इतना रिस्की? जानें क्या हो सकती हैं हादसे की वजह

Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद प्लेन हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया है. हादसे के बाद बड़े पैमाने पर बचाव का काम हो रहा है. करीब 200 दमकल की गाड़ियां मौजूद हैं. हादसे के बाद अहमदाबाद एयरपोर्ट से सभी उड़ानों को रद्द कर दिया गया है. यह विमान 242 लोगों को लेकर लंदन जा रहा था. हादसे बाद आसमान में काले धुएं का गुबार उठता देखा गया. अब बड़ा सवाल ये है कि दुनियाभर में ज्यादातर विमान हादसे टेकऑफ के दौरान ही क्यों होते हैं. इसके पीछे की क्या वजह है. आइए जानते हैं. 

टेकऑफ के दौरान हादसे
लंबे समय से टेकऑफ और लैंडिंग विमान के लिए सबसे खतरनाक समय माना जाता है. अंतर्राष्ट्रीय विमानन सुरक्षा आंकड़ों के अनुसार दुनिया भर में सभी विमान दुर्घटनाओं में से लगभग 35% टेकऑफ़ के दौरान या उसके तुरंत बाद होती हैं.  विमान पूरी गति से चलने वाले इंजनों के साथ स्थिर अवस्था से तेज़ी से गति करता है. ऐसे में अगर रनवे की सतह से लेकर एयरस्पीड सेंसर तक विमान में कोई खामी आती है तो हादसा हो सकता है. 

विमानन सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि टेकऑफ़ का क्षण काफी ज्यादा कमजोरी भरा होता है. ऐसे में पायलट को आखिरी मिनट की आपात स्थिति के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए. टेकऑफ के दौरान छोटी सी छोटी समस्या भी हादसे की वजह साबित हो सकती है. ऐसे में एयरस्पीड और बाहरी स्थितियों पर नज़र रखनी चाहिए. 

इन वजहों से होते हैं हादसे

इंजन में गड़बड़ी
टेकऑफ के दौरान इंजन अधिकतम तनाव में होते हैं.  ऐसे में अगर इससे पक्षी टकराता है या फिर ईंधन में दबाव आता है तो तकनीकी खराबी आ जाती है जिससे दुर्घटना हो जाती है.

पायलट की गलती
टेकऑफ़ के दौरान हादसे का कारण स्पीड का सही अनुमान न लगा पाना भी होता है. स्पीड वजह से रोटेशन पॉइंट का गलत तरीके से आकलन करना भी घातक परिणाम की वजह साबित हो सकता है. ऐसे में अगर पायलट इसे तुरंत नहीं बता पाते हैं तो विमान हादसे का शिकार हो जाता है. ICAO का अनुमान है कि 65% टेकऑफ क्रैश में पायलट की गलती होती है.

तकनीकी सिस्टम
टेकऑफ के दौरान लैंडिंग गियर, हाइड्रोलिक्स, ऑटोथ्रॉटल या एयरस्पीड इंडिकेटर्स में अगर कोई पहले से खराबी रहती है अगर इसे सुधार करने में देरी की जाती है तो इसकी वजह से भी हादसा हो सकता है.

खराब मौसम
खराब मौसम की वजह से बहुत से हादसे हुए हैं.आंधी या माइक्रोबर्स्ट विमान को खतरा पहुंचा सकता है. उड़ाने भरने वाले विमान को ये नीचे भी गिरा सकता है. 

अचानक किसी का आना
रनवे पर विमान जब स्पीड में रहता हो तो अचानक, पक्षी, वाहन या फिर और आता है तो विमान स्पीड की वजह से अनकंट्रोल हो सकता है और इसकी वजह से हादसा हो जाता है. 

पायलट को हासिल करना चाहिए जानकारी
विशेषज्ञों के मुताबिक उड़ान भरने से पहले पायलट को मौसम की स्थिति, रनवे की लंबाई, विमान के वजन और ईंधन के बारे में जानकारी हासिल करना चाहिए. इसके अलावा V1 के बाद सिस्टम में कोई खराबी, पक्षी का टकराना या इंजन में कोई समस्या आती है, तो पायलट को उसे टेकऑफ करना है या फिर स्टाप लेना है. इसमें अगर देरी होती है तो हादसा हो सकता है. 

ICAO के अनुसार टेकऑफ़ से जुड़ी  65% घटनाएं मानवीय भूल से होती हैं. वहीं 20% तकनीकी खराबी के कारण होती हैं. जबकि 10% मौसम के कारण होती हैं. वहीं 5 प्रतिशत रनवे पर किसी अन्य चीजों के आ जाने की वजह से होती है. 

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