अपने पिछले 28 दिनों के अनुभव साझा करते हुए डॉ. गुलेरिया ने कहा, ' मैंने वैक्सीन की दूसरी डोज ले ली है. मुझे पहली डोज से कोई भी दुष्प्रभाव नहीं हुआ. मैं लोगों से आग्रह करूंगा कि वो वैक्सीन से न डरें यह पूरी तरह से सुरक्षित है.'
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नई दिल्ली: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) से जंग में भारत वैश्विक अगुवाई कर रहा है. दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भारत में चल रहा है. मानवता की भलाई के लिए भारत कई देशों की मदद कर चुका है. अब कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की आपूर्ति को लेकर दुनिया भारत की ओर विश्वास के साथ देख रही है. आत्मनिर्भर भारत अभी तक कई देशों को मेड इन इंडिया टीके भेज भी चुका है.
देश में कोरोना वैक्सीनेशन के पहले चरण की दूसरी और आखिरी डोज लग रही है. एम्स (AIIMS) के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया (Randeep Guleria) ने भी बुधवार को वैक्सीन की दूसरी खुराक लगवाई. गौरतलब है कि देश में हेल्थ केयर वर्कस की दूसरी डोज का चरण पूरा होने वाला है. इसी के साथ फ्रंट लाइन वर्कस यानी सेना, पुलिस और सफाईकर्मियों को टीका लगने की शुरआत भी हो चुकी है. गौरतलब है कि गुलेरिया कोविड-19 (Covid-19) से जंग के लिए बनी नेशनल टास्क फोर्स के सदस्य भी हैं. उन्होंने वैक्सीन की पहली डोज नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल के साथ 16 जनवरी को राष्ट्रव्यापी अभियान के लॉन्च पर लगवाई थी.
टीकाकरण अभियान की बड़ी कामयाबी के बीच एम्स निदेशक ने कहा है कि आंकड़े बताते हैं टीका सुरक्षित है इसलिए वैक्सीन लगवाने में हिचकिचाहट खत्म कर देनी चाहिए. इस बीच यह सवाल भी लोगों के दिमाग में आया कि आखिर वैक्सीन खुले बाजार में कब से मिलेगी. ऐसे में एम्स निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बुधवार को इसका जवाब भी दे दिया.
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उन्होंने खुलासा किया कि कोरोना वायरस के टीके इस साल के अंत तक खुले बाजार में उपलब्ध हो सकते हैं. हालांकि आगे उन्होंने ये भी कह दिया कि खुले बाजार में टीके तभी उपलब्ध हो सकेंगे जब मुख्य रूप से चुने गए लोगों को कवर किया जा चुका होगा यानी आपूर्ति और मांग में बराबरी होगी.
अपने पिछले 28 दिनों के अनुभव को साझा करते हुए डॉ. गुलेरिया ने कहा, ' मैंने कोवैक्सिन वैक्सीन की दूसरी डोज ले ली है. मुझे पहली डोज से कोई भी दुष्प्रभाव नहीं हुआ है. मुझे किसी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ा. मैं लोगों से आग्रह करूंगा कि वो वैक्सीन से न डरें यह पूरी तरह से सुरक्षित है. अगर हम इस महामारी से जीत कर बाहर आना चाहते हैं, तो यह जरूरी है.'
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उन्होंने कहा कि महामारी अभी भी खत्म नहीं हुई है और भारत एक अच्छी स्थिति में है, लेकिन लोगों को वैक्सीन से झिझक नहीं होनी चाहिए और टीका लगवाना चाहिए.
एम्स निदेशक ने कहा कि महामारी अभी भी खत्म नहीं हुई है और भारत एक अच्छी स्थिति में है. देश में अब तक कोरोना वैक्सीन की 90 लाख डोज लगाई जा चुकी हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत के सभी राज्यों में पिछले एक महीने में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आई है. वहीं 18 राज्य ऐसे भी हैं जहां पिछले 24 घंटे में कोरोना की वजह से एक भी मौत दर्ज नहीं हुई है.
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