असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम शुरुआत से ही कह रहे हैं कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मामला है. भारत का कश्मीर मामले पर हमेशा ही साफ रुख रहा है.
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नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में अनुच्छेद 370 (Article) में बदलाव के बाद सोमवार (19 अगस्त) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) से फोन पर बातचीत की. बताया जा रहा है कि इस दौरान मोदी-ट्रंप के बीच 30 मिनट द्विपक्षीय संबंध और कश्मीर पर चर्चा हुई. इन सबके बीच, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने मंगलवार को पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की बातचीत पर सवाल उठाए हैं.
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम शुरुआत से ही कह रहे हैं कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मामला है. भारत का कश्मीर मामले पर हमेशा ही साफ रुख रहा है. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद पीएम मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को कॉल करने की क्या जरूरत थी और उन्होंने इसकी शिकायत क्यों की.
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 में बदलाव के बाद पहली बार सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बातचीत की थी. पीएम मोदी की 'ट्रंप कॉल' से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है. मोदी-ट्रंप के बीच 30 मिनट द्विपक्षीय संबंध और कश्मीर पर चर्चा हुई. पीएम मोदी ने कहा- पाक की हरकतों से इलाके में शांति को खतरा है.
पीएम मोदी ने इमरान खान का बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि कुछ नेताओं के बयान शांति के लिए खतरा है. सीमा पार से आतंकवाद का रोक लगना जरूरी है. बताया जा रहा है कि यह बातचीत दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय मुद्दों पर आधारित थी.
कश्मीर पर कब तक रोएगा पाकिस्तान?
पीएम इमरान ख़ान ने राष्ट्रपति ट्रंप से 12 मिनट बातचीत की. फोन पर पूरे 12 मिनट तक इमरान सिर्फ़ कश्मीर पर ही बोले. इमरान ने ट्रंप से फिर कहा कि अमेरिका कश्मीर मुद्दे में दखल दे. इमरान ने कश्मीर में मानवाधिकार संगठन भेजने की मांग की.