'सूर्य नमस्कार' के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने खोला मोर्चा, कह दी ये बड़ी बात
Advertisement
trendingNow11062500

'सूर्य नमस्कार' के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने खोला मोर्चा, कह दी ये बड़ी बात

AIMPLB Opposes Surya Namaskar: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि बच्चों को सूर्य नमस्कार करने या इससे जुड़े किसी भी कार्यक्रम में शामिल होने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. इस्लाम में सूर्य की पूजा नहीं होती है.

फाइल फोटो | फोटो साभार- PTI

नई दिल्ली: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) का विरोध किया है. एआईएमपीएलबी (AIMPLB) के मुताबिक, सरकार ने निर्देश जारी किया है कि आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर 1 से 7 जनवरी तक स्कूलों में सूर्य नमस्कार करवाया जाए. इस पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि सूर्य नमस्कार एक तरह से सूर्य की पूजा (Worship Of God) करना है और इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता है.

  1. बहुसंख्यकों की सोच थोपने की हो रही कोशिश- एआईएमपीएलबी 
  2. देश-प्रेम बढ़ाने के हैं और भी तरीके- एआईएमपीएलबी
  3. बढ़ती महंगाई पर ध्यान दे सरकार- एआईएमपीएलबी

एआईएमपीएलबी ने याद दिलाया संविधान

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी (Maulana Khalid Saifullah Rahmani) ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष, बहु-धार्मिक और बहु-सांस्कृतिक देश है. इन्हीं सिद्धांतों के आधार पर हमारा संविधान लिखा गया है. संविधान हमें इसकी अनुमति नहीं देता है कि सरकारी शिक्षण संस्थानों में किसी धर्म विशेष की शिक्षाएं दी जाएं या किसी विशेष समूह की मान्यताओं के आधार पर समारोह आयोजित किए जाएं.

ये भी पढ़ें- 'हर रात भगवान श्रीकृष्‍ण सपने में आते हैं और 1 ही बात कहते हैं...': अखिलेश यादव

धर्मनिरपेक्षता से भटक रही है सरकार- एआईएमपीएलबी

मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि वर्तमान सरकार धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत से भटक रही है और देश के सभी वर्गों पर बहुसंख्यक सम्प्रदाय की सोच और परंपरा को थोपने की कोशिश कर रही है. जैसा कि साफ है कि भारत सरकार के अधीन सचिव शिक्षा मंत्रालय ने 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राज्यों में सूर्य नमस्कार की एक परियोजना चलाने का फैसला किया है, जिसमें 30 हजार स्कूलों को पहले चरण में शामिल किया जाएगा. 1 जनवरी से 7 जनवरी तक ये कार्यक्रम प्रस्तावित है. 26 जनवरी को सूर्य नमस्कार पर एक संगीत कार्यक्रम की भी योजना है. ये असंवैधानिक और देश-प्रेम का झूठा प्रचार है.

सूर्य नमस्कार सूर्य की पूजा करना है- एआईएमपीएलबी

उन्होंने आगे कहा कि सूर्य नमस्कार सू्र्य की पूजा का एक रूप है. इस्लाम और देश के अन्य अल्पसंख्यक न तो सूर्य को देवता मानते हैं और न ही उसकी उपासना को सही मानते हैं इसलिए सराकर का ये फर्ज है कि वो ऐसे निर्देशों को वापस ले और देश के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का सम्मान करे.

ये भी पढ़ें- Omicron टेस्ट करने के लिए आई पहली किट, ICMR ने दी मंजूरी

वास्तविक मुद्दों पर ध्यान दे सरकार- एआईएमपीएलबी

मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि अगर सरकार चाहे तो देश-प्रेम की भावना को उभारने के लिए राष्ट्रगान पढ़वाए. अगर सरकार देश से प्रेम का हक अदा करना चाहती है तो उसे चाहिए कि देश की वास्तविक समस्याओं पर ध्यान दे. देश में बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई पर ध्यान दे. आपसी नफरत की लगातार बेचना और देश की सीमाओं की रक्षा करने में विफलता ये वास्तविक मुद्दे हैं.

उन्होंने आगे कहा कि मुस्लिम बच्चों के लिए सूर्य नमस्कार जैसे कार्यक्रमों में शामिल होने की बिल्कुल भी अनुमति नहीं है और इससे बचना जरूरी है.

LIVE TV

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news