हिंद महासागर में भारतीय समुद्री सरहद की ताकत बढ़ाएगा, एयर बेस 'INS कुहासा'
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हिंद महासागर में भारतीय समुद्री सरहद की ताकत बढ़ाएगा, एयर बेस 'INS कुहासा'

अंडमान निकोबार में नया एयर बेस आईएनएस कुहासा का संचालन शुरू होनेवाला है.

हिंद महासागर में भारतीय समुद्री सरहद की ताकत बढ़ाएगा, एयर बेस 'INS कुहासा'

पोर्ट ब्लेयरः भारतीय समुद्री बॉडर्र की ताकत बढ़ाने के लिए एक नया एयर बेस बनाया जा रहा है. हिंद महासागर में भारतीय सरहद पर चुनौतियां बढ़ती जा रही है. इस लिहाज से अंडमान और निकोबार में एक एयर बेस बनाया जा रहा है. इसके लिए अंडमान निकोबार कमान (एएनसी) की संचालनात्मक क्षमता बढ़ाने के लिए नौसेना हवाईअड्डा शिबपुर का संचालन शुरू होगा. जिसका नाम आईएनएस कुहासा रखा गया है.

मुख्यालय एएनसी द्वारा शुक्रवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा 24 जनवरी को एनएएस शिबपुर का संचालन शुरू करेंगे. इसमें बताया गया है कि व्हाइट बेलीड सी ईगल के नाम पर आईएनएस कुहासा का नाम रखा गया है. अंडमान और निकोबार में यह शिकार करने वाला सबसे बड़ा पक्षी है.

एनएएस शिबपुर को उत्तर अंडमान में निगरानी के लिए फॉरवर्ड ऑपरेटिंग एयर बेस (एफओएबी) के रूप में स्थापित किया गया था. द्वीप के सुदूर उत्तर हिस्से में स्थित यह वायु सेना अड्डा ना केवल द्वीप की सुरक्षा के लिए बल्कि समग्र विकास के लिए भी सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है.

विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस वायु सेना अड्डे के साथ अंडमान निकोबार द्वीप के सभी क्षेत्रों से स्वतंत्र रूप से संचालन की एएनसी की क्षमता को मजबूती मिलेगी. आपको बता दें कि अंडमान निकोबार में अभी कुल तीन एयर बेस हैं. 

पोर्ट ब्लेयर में आईएनएस उत्कर्ष और कैम्पबेल खाड़ी में आईएनएस बाज के बाद आईएनएस कुहासा अंडमान और निकोबार द्वीप में तीसरा नौसेना हवाईअड्डा है.

मुख्यालय पोर्ट ब्लेयर से आईएनएस कोहासा की दूरी करीब 180 किलोमीटर होगी. बताया जाता है कि इस एयर बेस पर फिलहाल हेलीकॉप्टर और डोंनियर विमानों के उतरने की सुविधा होगी. बाद में इसकी हवाई पट्टी को और बढ़ाया जाएगा. जिससे की यहां एयरक्राफ्ट उतारा जा सके.

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