जर्मन दंपत्ति हिमाचल प्रदेश में लाहौल-स्पीति के पास रिंगडम से डिबलिंग तक ट्रैकिंग के दौरान करीब तीन दिनों तक बर्फ के तूफान में फंसे रहे
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नई दिल्ली: वायुसेना ने मंगलवार को बताया कि उसके कर्मियों ने हिमाचल प्रदेश में लाहौल-स्पीति के पास रिंगडम से डिबलिंग तक ट्रैकिंग के दौरान करीब तीन दिनों तक बर्फ के तूफान में फंसे रहे एक जर्मन दंपति को बचाया है. वायु सेना के बयान के मुताबिक, जर्मनी के दंपति माइकल और उसकी पत्नी एनेट ट्रैकिंग के दौरान बर्फ के तूफान में फंस गए थे.
दो दिन तक हुई मूसलाधार बर्फबारी ने सभी तरह की गतिविधियों को रोक दिया और तब तक दंपति की रसद खत्म हो गई. इसके बाद माइकल ने आखिरी उपाय के तौर पर अपना पर्सनल रेस्क्यू बीकॉन (पीआरबी) सक्रिय करने का निर्णय किया.
#SavingLives: The site was on an incline of 35-45 deg & landing was not possible. A precise low hover was set up & both the trekkers were picked up & flown back safely to Leh. The couple have been transferred to a medical facility at Leh and are recuperating well. pic.twitter.com/Ch0Q0V1Iwl
— Indian Air Force (@IAF_MCC) September 25, 2018
पीआरबी से एक संदेश सोमवार को क्षेत्रीय समन्वय केंद्र पहुंचा. इस संदेश को तुरंत पश्चिमी वायु सेना कमान को भेजा गया और लेह स्थित सियाचिन पायनियर्स हेलीकॉप्टर इकाई को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई. सियाचिन पायनियर्स के दो हेलीकॉप्टरों ने मंगलवार सुबह छह बजे उड़ान भरी और बड़ी मशक्कत के बाद जर्मन दंपति का पता लगाया और उन्हें बचाया.
हिमाचल प्रदेश में 50 छात्रों को बचाया गया
वहीं हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने मंगलवार को कहा कि प्रदेश की लाहौल घाटी में भारी बर्फबारी के बाद फंसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-रूड़की के लगभग 50 छात्रों को भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने बचा लिया है. अधिकारियों ने बताया कि पूरी ट्रेकिंग टीम को सिसु में स्थित सेना के आधार शिविर में ले जाया गया है. कुछ विदेशियों समेत लगभग 500 लोगों के कोकसार और बारालाचा क्षेत्रों में फंसने की खबर है.
अधिकारियों ने बताया कि ये सभी सुरक्षित हैं और आईएएफ के तीन हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल इन लोगों को बचाने के लिए किया जाएगा. ठाकुर ने कहा कि केन्द्र सरकार ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है और यदि जरूरी हुआ तो फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए और हेलीकॉप्टरों को भेजा जाएगा.
(इनपुट - भाषा)