Air india plane crash crew members stories: अहमदाबाद प्लेन क्रैश हादसे ने न सिर्फ 12 क्रू मेंबर की जिंदगी छींन लीं, बल्कि न जानें कितने सपनों को राख कर दिया. इन सबकी कहानी बहुत दर्दनाक है और प्रेरणादायक भी.
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Air India Ahmedabad Plane Crash: गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार दोपहर एक भयावह विमान दुर्घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. अहमदाबाद से लंदन की उड़ान भरने वाले एयर इंडिया के ड्रीमलाइनर विमान में 242 लोगों में से 241 लोग मौत की गहरी नींद में सो गए. 241 लोगों में 12 क्रू मेंबर की जिंदगियां भी शामिल हैं. जिनके अनगिन सपने राख हो गए. इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, क्रू मेंबरों की कहानी बहुत दर्दनाक और प्रेरणादायक हैं. जिसमें एक पायलट रिटायरमेंट के कगार पर थे, एक समर्पित फ्लाइट अटेंडेंट लड़की जो अपने गांव की हर बेटी को सपने देखने की हिम्मत दी थी. जानें उनमें से कुछ लोगों की कहानी
पायलट सुमीत सभरवाल: आखिरी उड़ान का अनकहा वादा
60 साल के कप्तान सुमीत सभरवाल के रिटायरमेंट के कुछ महीने बाकी थे, जिसके बाद वह अपने पिता के साथ ज्यादा वक्त बिताने की योजना बना रहे थे. पड़ोसियों की आंखों में उनके लिए सम्मान था, जो उनकी वर्दी और अनुशासन को देखकर बढ़ता था. “वह बहुत कम बोलते थे, लेकिन उनका रुतबा सबको छूता था,” एक पड़ोसी ने आंसुओं के साथ कहा. दिल्ली में रहने वाली उनकी बहन और पायलट बने उनके भतीजों का दिल इस खबर से टूट गया. सभरवाल की आखिरी उड़ान ने उनके परिवार और पवई की गलियों को सन्नाटे में डुबो दिया है.
दीपक पाठक: परिवार का वो बेटा, जो कभी अपनी जिम्मेदारी नहीं भूला
बदलापुर के दीपक पाठक 11 साल से एयर इंडिया का हिस्सा थे. हर उड़ान से पहले मां को फोन करना उनकी आदत थी. हादसे वाले दिन भी उन्होंने ऐसा ही किया. “उसका फोन आया था, हमने सोचा सब ठीक है,” परिवार ने रोते हुए बताया. हादसे के बाद भी उसका फोन कुछ देर तक बजता रहा, जिसने परिवार को एक पल के लिए उम्मीद दी. लेकिन जब सच्चाई सामने आई, तो बदलापुर की हर गली में मातम छा गया. दीपक का समर्पण और उसकी मुस्कान अब सिर्फ यादों में बची है.
सैनिता चक्रवर्ती: ‘पिंकी’ की अधूरी कहानी
35 साल की सैनिता चक्रवर्ती, जिन्हें प्यार से ‘पिंकी’ बुलाया जाता था, जुहू कोलीवाड़ा की वो बेटी थीं, जिन्होंने मेहनत से अपने सपनों को पंख दिए. गो एयर छोड़कर हाल ही में एयर इंडिया से जुड़ी थीं. बचपन के दोस्त निकी डिसूजा ने सिसकते हुए कहा, “वो इतनी मेहनती थी, उसकी वर्दी देखकर गर्व होता था.” सैनिता की हंसी और जुनून अब सिर्फ उनके दोस्तों की आंखों में बसे हैं.
मैथिली मोरेश्वर पाटिल: गांव की शान, बेटियों का सपना
पनवेल के न्हावा गांव की 24 साल की मैथिली मोरेश्वर पाटिल वो सितारा थीं, जिन्होंने साधारण परिवार से निकलकर आसमान छूने का हौसला दिखाया. एविएशन कोर्स पूरा कर एयर इंडिया में नौकरी पाने वाली मैथिली गांव की हर लड़की की प्रेरणा थीं. “वो हमारी शान थी, उसकी कामयाबी से हमारा सीना चौड़ा होता था,” एक पड़ोसी ने गमगीन लहजे में कहा. हादसे की खबर ने गांव को स्तब्ध कर दिया. मैथिली के सपने अब दूसरों को हौसला देकर जिंदा रहेंगे.
रोशनी राजेंद्र सोंगारे: उड़ान भरती जिंदादिली
27 साल की रोशनी राजेंद्र सोंगारे डोंबिवली की वो बेटी थीं, जिन्होंने हाल ही में एयर इंडिया में कदम रखा था. एयर होस्टेस बनना उनका बचपन का सपना था. उनके इंस्टाग्राम पर करीब 54,000 फॉलोअर्स थे. जो उनकी जिंदादिली के दीवाने थे. हादसे की खबर सुनते ही उनके माता-पिता और भाई मुंबई हवाई अड्डे दौड़े. “वो हमारा गर्व थी,” परिवार ने टूटे दिल से कहा. रोशनी की मुस्कान अब उनके चाहने वालों के दिलों में बस गई है. यह हादसा सिर्फ एक विमान का नहीं, बल्कि उन जिंदगियों का है, जिन्होंने दूसरों को उड़ान भरने की प्रेरणा दी. डीजीसीए की जांच जारी है, लेकिन इन परिवारों का दर्द कभी कम नहीं होगा.