अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने की सड़कों के नाम बदलने की मांग, बौखला उठे सपा-कांग्रेस
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhara Parishad) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी (Narendra Giri) ने देश में मुगलों और अंग्रेजों के नाम की सड़कों के नाम बदलने की मांग की है.
लखनऊ: साधु संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhara Parishad) का बड़ा बयान आया है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी (Narendra Giri) ने देश में मुगलों और अंग्रेजों के नाम की सड़कों के नाम बदलने की मांग की है. उन्होंने कहा कि सड़कों का नाम बदलकर देश के लिए बलिदान देने वाले भारतीय महापुरुषों के नाम पर किए जाएं.
'मुगलों और अंग्रेजों के नाम देख होता है कष्ट'
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Narendra Giri) ने कहा, 'आजादी के 70-75 साल बाद भी देश की तमाम सड़कों के नाम मुगलों और अंग्रेजों के नाम से हैं.' उन्होनें कहा आक्रमणकारियों और देश को नुकसान पहुंचाने वालों के नाम की सड़कों को देखने से साधु-संतों ही नहीं, बल्कि आज के युवाओं को भी कष्ट होता है.
'भारतीय महापुरुषों पर किए जाएं सड़कों के नाम'
महंत नरेंद्र गिरी (Narendra Giri) ने कहा कि आजादी से पहले देश से गद्दारी करने वालों और भारतीयों पर जुल्म करने वालों के नाम से देश भर की सभी सड़कों का नाम बदला जाए. उन्होंने सड़कों का नाम बदलकर देश के लिए बलिदान देने वाले भारतीय महापुरुषों के नाम करने की मांग की है. महंत नरेंद्र गिरी ने कहा है कि सड़कों का नाम बदलकर शहीद चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस, सरदार बल्लभ भाई पटेल गुलजारीलाल नंदा और वीर अब्दुल हमीद जैसे देशभक्तों के नाम की जाएं.
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सपा बोली सरकार को देना चाहिए डेवलपमेंट पर ध्यान
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता विवेक साइलस ने कहा, 'सरकार को नाम बदलने की जगह डेवलपमेट पर ध्यान देना चाहिए.' वहीं बीजेपी प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा, 'किसी भी सड़क, भवन या योजना का नाम किसी महापुरुष के नाम से रखने की परंपरा इसलिए पड़ी, ताकि उनके जीवन, चरित्र या उनके नाम के स्मरण से गौरवशाली इतिहास का पता चले या विविध क्षेत्रों में उनके काम से आने वाली पीढ़ियां प्रेरणा प्राप्त करें.'
धर्म गुरुओं को ऐसे बयान से बचना चाहिए: कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह ने कहा, 'देश संविधान से चलेगा ना कि धर्म गुरुओं के कहने से, चाहे वह कोई भी धर्म गुरु हों. चाहे हिंदू धर्म गुरु हों, चाहे मुस्लिम धर्म गुरु हों, चाहे सिख धर्म गुरु हों, चाहे इसाई धर्म गुरु हों. देश संविधान के कहने पर चलेगा या अखाड़ा परिषद के कहने पर? किसी भी धर्म गुरु और साधु-संतों को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए.