वाराणसी: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी (Varanasi) में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन (Akhil Bhartiya Rajbhasha Sammelan) की शुरुआत की. अमित शाह ने दो दिवसीय सम्मेलन का हस्तकला संकुल में शुभारंभ किया. इस कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) समेत गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी, नित्यानंद राय, निशित प्रमाणिक और राज्य सभा सांसद सुभाष चंद्रा शामिल हुए.


वाराणसी भाषाओं का गोमुख- अमित शाह


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अमित शाह ने कहा कि मैं हिंदी को गुजराती से ज्यादा प्यार करता हूं. स्वभाषा, स्वदेशी को आगे बढ़ा रही है. वाराणसी भाषाओं का गोमुख है. अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन को राजधानी दिल्ली से बाहर करने का निर्णय हमने वर्ष 2019 में ही कर लिया था. पीएम मोदी ने कहा है कि अमृत महोत्सव, देश को आजादी दिलाने वाले लोगों की स्मृति को पुनः जीवंत करके युवा पीढ़ी को प्रेरणा देने के लिए तो है ही, ये हमारे लिए संकल्प का भी वर्ष है.


आजादी का अमृत महोत्सव है संकल्प का वर्ष- अमित शाह


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दो वर्ष कोरोना काल की वजह से हम नहीं कर पाएं, लेकिन आज मुझे आनंद है कि ये नई शुभ शुरुआत आजादी के अमृत महोत्सव में होने जा रही है. आजादी का अमृत महोत्सव हमारे लिए संकल्प का वर्ष है. भारत की जनता को तय करना होगा कि भारत कहां खड़ा होगा और ये तय करके संकल्प करना होगा कि आने वाले पच्चीस साल इस संकल्प सिद्धि का काल हो.


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अमित शाह ने कहा कि ये काम आजादी के तुरंत बाद होना चाहिए था. पीएम मोदी ने पहली बार मेक इन इंडिया और अब स्वदेशी की बात करके स्वदेशी को लक्ष्य बनाया, फिर स्वभाषा को लक्ष्य बनाकर चलना चाहिए. मैं गुजराती हूं पर मैं गुजराती से अधिक प्यार हिंदी को करता हूं. राजभाषा का विकास तभी हो सकता है जब स्थानीय भाषा मजबूत हो. ये दोनों पूरक हैं.


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