जब मायावती ने अखिलेश को अपने 4 बार CM बनने के सफर के बारे में बताया...
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जब मायावती ने अखिलेश को अपने 4 बार CM बनने के सफर के बारे में बताया...

मायावती के पल-पल में बदलने वाले स्वभाव के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश ने कहा कि समय लोगों को बदल देता है.

लोकसभा उपचुनावों में जीत के बाद अखिलेश यादव ने बसपा प्रमुख मायावती के घर जाकर उनसे आधे घंटे तक मुलाकात की थी. उन्होंने कहा कि मायावती उनसे गर्मजोशी से मिलीं और उनमें कोई दुश्मनी या कड़वाहट नजर नहीं आई.(फाइल फोटो)

यूपी के गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनावों में बसपा से तालमेल की बदौलत जीत हासिल करने वाली सपा के नेता अखिलेश यादव का कहना है कि मायावती और उनकी पार्टी के साथ 23 साल पुरानी कड़वाहट अब 'पुरानी बात हो गई.' एक समय कट्टर प्रतिद्वंद्वी रही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ नवगठित गठबंधन के ज्यादा देर टिकने या न टिकने को लेकर लग रहे कयासों के बीच पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने यह बात कही. अखिलेश यादव ने न्‍यूज एजेंसी IANS के साथ एक इंटरव्‍यू में कहा, "इस समय प्रासंगिक यही है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हराने के राष्ट्रीय लक्ष्य को हासिल करने के लिए दोनों पार्टियां एक-दूसरे का हाथ थामे आगे बढ़ रही हैं." उन्होंने कहा कि बीजेपी देश और राज्य दोनों को नुकसान पहुंचा रही है. अखिलेश ने कहा कि बसपा-सपा गठबंधन एक ऐसा जोड़ है, जो मगरूर और बेकार भाजपा सरकार को करारी शिकस्त देगा.

  1. गोरखपुर और फूलपुर उपचुनावों में सपा-बसपा ने किया तालमेल
  2. 2019 के आम चुनावों में भी इस गठबंधन के जारी रहने के संकेत
  3. अखिलेश ने कहा कि बसपा के साथ 23 साल पुरानी कड़वाहट पुरानी बात

'जो बीत गया, सो बीत गया'
44 वर्षीय समाजवादी नेता ने कहा कि बीजेपी अक्सर उपहास उड़ाती रहती है कि विपक्ष के पास उससे मुकाबले के लिए कोई आधार नहीं है. उन्होंने कहा कि बसपा और सपा के साथ आने के बाद आखिरकार वह आधार मिल गया है. अखिलेश से उनके पिता मुलायम सिंह यादव और मायावती के रिश्तों में, खासतौर पर उन पर हुए हमले के बाद पनपी कड़वाहट के बारे में सवाल किए जाने पर कहा, "जो बीत गया, सो बीत गया. मैं पीछे नहीं, आगे देखता हूं."

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सीटों का बंटवारा छोटी-मोटी बात
यह संकेत देते हुए कि बसपा-सपा की दोस्ती 2019 के लोकसभा चुनाव तक जारी रहेगी, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी ने इसके लिए पहले ही तैयारी कर ली है और अब वह माइक्रो बूथ और जाति प्रबंधन में बीजेपी का ही अनुसरण करने की कोशिश कर रही है. मायावती के पल-पल में बदलने वाले स्वभाव के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश ने कहा कि समय लोगों को बदल देता है. उन्होंने कहा, "सीटों का बंटवारा छोटी-मोटी बात है और जब जरूरत होगी, तब इस पर बात कर ली जाएगी. समय आने पर हम इस स्थिति से निपट लेंगे." अखिलेश ने कहा कि वह अब वही कर रहे हैं, जो बीजेपी ने उन्हें सिखाया है. उन्होंने कहा, "वे पन्ना प्रमुखों, जातीय समीकरण को समझने और बूथ प्रबंधन की बात करते हैं और अब जब हम यह कर रहे हैं तो हम पर जातिवादी होने का आरोप लगाया जाता है..हर चीज बीजेपी के लिए ही फायदे का सौदा कैसे हो सकती है?"

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अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनके शासन काल में उत्तर प्रदेश में हुए अनुकरणीय विकास की तुलना में पिछले एक साल में कोई काम नहीं किया.(फाइल फोटो)

मायावती से आधे घंटे की मुलाकात
लोकसभा उपचुनावों में जीत के बाद अखिलेश यादव ने बसपा प्रमुख मायावती के घर जाकर उनसे आधे घंटे तक मुलाकात की थी. उन्होंने कहा कि मायावती उनसे गर्मजोशी से मिलीं और उनमें कोई दुश्मनी या कड़वाहट नजर नहीं आई. उन्होंने कहा, "वह गर्मजोशी से मिलीं. उन्होंने मुझे एक आम इंसान से देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य की चार बार मुख्यमंत्री बनने की अपनी यात्रा की चित्रमय यात्रा कराई."

यूपी में बीजेपी ने कोई काम नहीं किया
अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनके शासन काल में उत्तर प्रदेश में हुए अनुकरणीय विकास की तुलना में पिछले एक साल में कोई काम नहीं किया. उन्होंने कहा, "भाजपा सरकार ने पिछले एक साल में केवल एक ही काम किया है और वह है सपा सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं के रिबन काटना."

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मैं पिछड़ी जाति का...यह बताने के लिए बीजेपी का शुक्रिया
अखिलेश यादव ने दार्शनिक अंदाज में कहा कि राजस्थान के धौलपुर मे स्थित सैन्य स्कूल में और बाद में बेंगलुरू में पढ़ाई करके वह भूल गए थे कि वह एक पिछड़ी जाति के व्यक्ति हैं. उन्होंने कहा, "मैं यह लगभग भूल ही बैठा था, जब तक कि भाजपा ने मुझे यह याद नहीं दिला दिया कि मैं पिछड़ी जाति से हूं. ऐसा करने के लिए मैं उनका आभारी हूं. मैं यही कहना चाहूंगा कि मेरा जन्म भले ही एक पिछड़े परिवार में हुआ हो, लेकिन मैं एक प्रगतिशील व्यक्ति हूं, जिसका अपना दृष्टिकोण है और जो विकास चाहता है." अखिलेश ने भाजपा को भ्रमित करार देते हुए राज्य सरकार की कई नाकामियां गिनाईं. उन्होंने कहा कि भाजपा एकजुट हो रही सपा और बसपा का कोई तोड़ निकालने के लिए बेचैन है.

कांग्रेस से रिश्‍ते सहज
एक महागठबंधन में और भी दलों को जोड़ने की योजना के सवाल पर उन्होंने कहा, "फिलहाल केवल यूपी और बसपा-सपा के साथ की बात है." उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ उनका रिश्ता सामान्य और सौहार्दपूर्ण है.

(इनपुट: IANS)

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