Akhilesh Yadav: अखिलेश यादव ने संविधान को लोकतंत्र की प्राणवायु और शोषित-पीड़ित जनता का संरक्षक बताया. उन्होंने कहा कि संविधान 90 प्रतिशत जनता का सुरक्षा कवच है और इसे बचाना हमारे लिए जीवन और मरण का सवाल है.
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Akhilesh Lok Sabha speech: लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने सरकार पर संविधान के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का हनन करने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि देश के अल्पसंख्यकों, खासकर मुसलमानों, को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने का प्रयास हो रहा है. अखिलेश ने यह भी कहा कि सीमाओं की रक्षा करना किसी भी सरकार का प्राथमिक कर्तव्य है, लेकिन वर्तमान समय में देश की सीमाएं सिकुड़ रही हैं और सीमा सुरक्षा में सेंध लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं. उन्होंने यह भी कहा कि आज 82 करोड़ सरकारी अन्न पर जिंदा हैं.
संविधान की अहमियत पर जोर
अखिलेश यादव ने संविधान को लोकतंत्र की प्राणवायु और शोषित-पीड़ित जनता का संरक्षक बताया. उन्होंने कहा कि संविधान 90 प्रतिशत जनता का सुरक्षा कवच है और इसे बचाना हमारे लिए जीवन और मरण का सवाल है. संसद में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना इसकी आत्मा है और यही हमें समानता और न्याय की ओर ले जाती है.
जाति जनगणना की मांग
लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान अखिलेश ने जाति जनगणना की मांग को दोहराया. उन्होंने कहा कि यदि वर्तमान सरकार यह कार्य नहीं करती, तो विपक्ष इसे सत्ता में आकर जरूर करेगा. उन्होंने संविधान के सिद्धांतों का हवाला देते हुए कहा कि सरकार की नजर में सभी नागरिक समान होने चाहिए. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ जानबूझकर हिंसा और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं हो रही हैं.
विषमता और अर्थव्यवस्था पर चिंता
अखिलेश ने देश में बढ़ती आर्थिक विषमता पर गहरी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से विषमता अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है. आज 82 करोड़ लोग सरकारी अन्न पर निर्भर हैं, जबकि अर्थव्यवस्था ऊंचाई पर बताई जा रही है. उन्होंने सवाल उठाया कि देश की 60 प्रतिशत आबादी की प्रति व्यक्ति आय क्या है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि धार्मिक स्थलों के विवाद को बढ़ावा देकर देश का माहौल खराब किया जा रहा है.
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर जोर
यादव ने उच्चतम न्यायालय का आभार व्यक्त किया, जिसने सांप्रदायिक विवादों पर रोक लगाई. उन्होंने कहा कि आज जरूरत है कि संविधान को हर नागरिक के लिए सुरक्षा कवच के रूप में देखा जाए. अखिलेश ने कहा कि पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के लिए संविधान जीवन और मरण का विषय है और इसे संरक्षित रखना हर नागरिक का दायित्व है. उन्होंने सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की और जातिगत जनगणना को जल्द लागू करने की मांग की.