बाबरी मस्जिद पर पर्सनल लॉ बोर्ड का सख्त स्टैंड, कहा-मस्जिद अनंत काल तक के लिए बनती है
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बाबरी मस्जिद पर पर्सनल लॉ बोर्ड का सख्त स्टैंड, कहा-मस्जिद अनंत काल तक के लिए बनती है

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि अयोध्या मुद्दे पर उसके रुख में कोई बदलाव नहीं है, क्योंकि ‘जब एक बार मस्जिद बनती है तो अनंत काल तक यह मस्जिद रहती है.

राम जन्म भूमि मसले पर हैदराबाद में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक हुई. तस्वीर साभार: ANI

हैदराबाद: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि अयोध्या मुद्दे पर उसके रुख में कोई बदलाव नहीं है, क्योंकि ‘जब एक बार मस्जिद बनती है तो अनंत काल तक यह मस्जिद रहती है.’ एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बोर्ड के 26वें पूर्ण अधिवेशन के दूसरे दिन की कार्यवाही की जानकारी दी. ओवैसी बोर्ड के सदस्य भी हैं. ओवैसी ने कहा, ‘बाबरी मस्जिद के बारे में, यह स्पष्ट रूप से कहा गया कि एक बार जब मस्जिद बन जाती है तो अनंतकाल तक यह मस्जिद रहती है. कोई समझौता नहीं होगा. जहां तक बाबरी मस्जिद की बात है, मस्जिद मुद्दे पर समझौता करने वाले लोग अल्ला के सामने जवाबदेह होंगे.’ 

  1. अयोध्या मसले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक
  2. बोर्ड राम जन्म भूमि मसले पर रियायत बरतने के मूड में नहीं
  3. कहा, एक बार जब मस्जिद बन जाती है तो अनंतकाल तक यह मस्जिद रहती है

इस बीच, इस सप्ताह ‘आर्ट आफ लिविंग’ के संस्थापक श्री श्री रविशंकर से मुलाकात करने वाले बोर्ड के कार्यकारी सदस्य मौलाना सैयद सलमान हुसैन नकवी ने कहा कि वह बाबरी मस्जिद राम जन्मभूमि विवाद के आपसी सहमति के समाधान का समर्थन करते हैं.

निष्पक्ष न्याय पर आधारित बातचीत के लिए तैयार
इससे पहले विवादित रामजन्म भूमि और बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट में अंतिम सुनवाई चलने के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा था कि वह ‘निष्पक्ष न्याय और बराबर सम्मान’ पर आधारित बातचीत के लिए तैयार है. बोर्ड की 26वीं पूर्ण बैठक चल रही है. एक बयान में कहा गया कि एआईएमपीएलबी के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने बैठक को संबोधित किया और बोर्ड के पहले के रूख को दोहराया कि, ‘एक बार मस्जिद बन गई तो वह (हमेशा) मस्जिद है’ और इसके साथ ही बोर्ड ‘निष्पक्ष न्याय और बराबर सम्मान’ पर आधारित बातचीत के लिए तैयार है.

इसके बाद एक बयान जारी करके बोर्ड ने कहा था, ‘वह एक बार फिर शरिया के मूलभूत सिद्धांत पर जोर देते हैं कि मस्जिद को दी जा चुकी भूमि को न तो बेंचा सकता है, न ही उपहार में दिया जा सकता है और न ही अंतरण किया जा सकता है.’ इससे पहले आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर ने मुस्लिम नेताओं के साथ बैठक की थी जिसमें एआईएमपीएलबी और सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्य शामिल थे.

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