प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ में अमर सिंह ने पढ़े कसीदे, महागठबंधन पर कसा तंज
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प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ में अमर सिंह ने पढ़े कसीदे, महागठबंधन पर कसा तंज

अमर सिंह ने कहा कि उद्योगपतियों से मिलना गलत नहीं, बल्कि उन्हें गलत तरीके से फायदा पहुंचाना गलत है और प्रधानमंत्री ने साफ कर दिया है कि गलत को भागना पड़ेगा या जेल जाना पड़ेगा. 

पीएम के उद्योगपतियों साथ फोटो पर अमर सिंह ने कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया है

नई दिल्ली : समाजवादी पार्टी के पूर्व वरिष्ठ नेता था पूर्व राज्यसभा सदस्य अमर सिंह ने कई मुद्दों पर कांग्रेस का घेराव किया है. ज़ी मीडिया के साथ खास बातचीत में अमर सिंह ने कहा कि कांग्रेस दोहरे चरित्र वाली पार्टी रही है. जो कांग्रेस उद्योगपतियों के साथ संबंध को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साध रही है, उसके भी तमाम उद्योगपतियों से संबंध रहे हैं, यहां तक कि उनके वरिष्ठ नेता कमलनाथ भी खुद के बड़े उद्योगपति हैं. उन्होंने कहा कि हर राजनीतिक दल और हर नेता के उद्योगपतियों से संबंध होते हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि वे उनके (उद्योगपतियों) के लिए काम करते हैं.

बता दें कि देश के प्रमुख उद्योगपति अंबानी और अडानी ग्रुप से प्रधानमंत्री के संबंधों को लेकर कांग्रेस लगातार पीएम मोदी को निशाना बना रही है. रविवार को प्रधानमंत्री ने लखनऊ में कांग्रेस के इन हमलों का जवाब देते हुए कहा कि हम उनमें से नहीं हैं कि उद्योगपति के साथ ना खड़े हों, कई लोगों की एक भी फ़ोटो इनके साथ नहीं होगी, लेकिन परदे के पीछे मिलते थे. कार्यक्रम में मौजूद अमरि सिंह की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अमर सिंह ऐसे लोगों के नाम बता सकते हैं और बहुत से लोगों का कच्चा चिट्ठा खोल सकते हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा था कि महात्मा गांधी को बिड़ला परिवार के साथ खड़े होने में संकोच नहीं था क्योंकि उनकी नीयत साफ थी. उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों की भूमिका भी राष्ट्र निर्माण में किसानों जितनी अहम होती है. इसलिए उनका भी सम्मान होना चाहिए.

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इसके बाद अमर सिंह ने एक ट्वीट करके एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में अमर सिंह कह रहे हैं कि वर्धा में स्थित गांधी जी के आश्रम में गांधीजी द्वारा हस्तलिखित एक पत्रिका में लिखा है कि पंडित जवाहर लाल नेहरू जी के भारत में राजवाड़ों, उद्यमियों का और पैसे वालों का स्थान कम हुआ है, जबकि वे भी समाज के एक महत्वपूर्ण अंग हैं, ऐसा सबको मानना चाहिए. 

कांग्रेस की दोहरी मानसिकता
इन दोनों घटनाक्रम के बाद से राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा चल उठी कि अमर सिंह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. इन तमाम चर्चाओं पर बात करते हुए अमर सिंह ने कहा कि केंद्र में मोदी की सरकार महज चार साल है, क्या अडानी और अंबानी इस चार सालों में ही उद्योगपति बने हैं. उन्होंने उल्टा सवाल किया कि क्या पिछले 70 वर्षों से देश बिना उद्योगपतियों के ही चल रहा था. उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों और कारोबारियों को चोर कहना गलत हैं, क्योंकि तमाम उद्योगपतियों ने देश के विकास के साथ-साथ देश की आजादी में भी बड़ा योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि अगर उद्योगपति ना हों तो देश के विकास की कल्पना की जा सकती है. 

उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों से मिलना गलत नहीं, बल्कि उन्हें गलत तरीके से फायदा पहुंचाना गलत है और प्रधानमंत्री ने साफ कर दिया है कि गलत को भागना पड़ेगा या जेल जाना पड़ेगा. उन्होंने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके भी कई उद्योगपतियों से संबंध हैं. साथ ही उन्होंने कांग्रेस से भी पूछा कि उनके वरिष्ठ नेता पी. चिंदबरम स्टरलाइट (तूतीकोरिन में तांबा गलाने वाले संयंत्र) के निदेशक रहे हैं, क्या वे भी पापी हैं. 

महागठबंधन विश्वसनीय नहीं
आने वाले लोकसभा चुनावों में महागठबंधन के सवाल पर अमर सिंह ने कहा कि वाम दलों के खत्म होने के बाद महागठबंधन की राह मुश्किल हो गई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस कभी भरोसे वाली पार्टी नहीं है. उसने जितने भी गठबंधन किए हैं, सभी में बीच में धोखा दिया है. इसलिए इस गठबंधन की विश्वसनीयता कुछ कम ही है. अमर सिंह ने कहा कि महागठबंधन में चेहरे तो बड़े हैं, लेकिन उनके पीछे संख्याबल नहीं है. इसलिए लगता नहीं कि विपक्ष के इस जोड़-तोड़ का केंद्र सरकार पर कोई असर होगा.  

समाजवादी पार्टी पर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'मैं समाजवादी पार्टी के झगड़े में नहीं पड़ना चाहता. मुझे समाजवादी पार्टी से दो बार निष्काषित किया गया है. प्रताड़ित करके पार्टी से निकाला है. बाप-बेटे में दरार को लेकर मुझे खलनायक की तरह पेश किया गया. मैं अकेला था इसलिंए मेरी आहुति दी गई.' 

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