Amarnath Cloudburst: अमरनाथ हादसे में बाल-बाल बची BJP नेता की जान, बताया- कैसा था बादल फटने के बाद मंजर
Amarnath: हादसे से कुछ देर पहले ही तेलंगाना से बीजेपी विधायक राजा सिंह ने अचानक मौसम बिगड़ने पर पहाड़ियों से उतरने के लिए खच्चरों का इस्तेमाल करने का फैसला किया. वह पहाड़ियों पर ही थे, तभी ये हादसा हो गया. उन्होंने बादल फटने के बाद पानी में लोगों को बहते देखा.
Amarnath cave cloud burst: तेलंगाना से भाजपा विधायक टी. राजा. सिंह अब उस पल को नहीं भूल पा रहे हैं, जब शुक्रवार को दक्षिण कश्मीर में पवित्र अमरनाथ गुफा के पास अचानक बादल फटने के बाद अफरातफरी मच गई. इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई. उनकी आंखों के सामने अब भी वह मंजर घूम रहा है जिसमें लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर से उधर भाग रहे हैं. हादसे के वक्त टी. राजा सिंह भी वहीं थे. वह इस हादसे में बाल-बाल बच गए. उन्होंने मीडिया को शुक्रवार रात बातचीत के दौरान वहां का खौफनाक मंजर बताया.
पहाड़ियों से देखा बादल फटते हुए
राजा सिंह हेलीकॉप्टर से अमरनाथ पहुंचे थे. उनके साथ उनका परिवार भी था. अचानक मौसम बिगड़ने पर राजा सिंह और उनके परिवार के सदस्यों ने पहाड़ियों से उतरने के लिए खच्चरों का इस्तेमाल करने का फैसला किया. राजा सिंह ने बताया कि, 'हमने महसूस किया कि मौसम अचानक बदल गया है और बिगड़ गया है. उन परिस्थितियों में हेलिकॉप्टर सेवा भी रद्द कर दी जाती, इसलिए हमने खच्चरों का उपयोग करके पहाड़ियों पर से उतरने का फैसला किया. मैंने पहाड़ियों से करीब एक किलोमीटर नीचे बादल फटते देखा. कई तंबू बाढ़ में बह गए.'
अब भी फंसे हैं बहुत लोग
राजा सिंह ने बताया कि, विधायक होने की वजह से मुझे विशेष सुरक्षा मिली थी. इसलिए सेना ने परिवार को श्रीनगर पहुंचाने में मदद की. उन्होंने कहा कि बेशक मैं निकल आय़ा हूं, लेकिन तेलंगाना सहित विभिन्न राज्यों के बहुत लोग अब भी वहां फंसे हुए हैं. सिंह के अनुसार, शुक्रवार को दर्शन के लिए अमरनाथ गुफा में हजारों श्रद्धालु मौजूद थे.
कम से कम 50 लोगों के बहने की बात कही
सिंह ने कहा, 'पहाड़ियों से पानी बह रहा था और कुछ तंबुओं में घुस गया. मेरा अनुमान है कि बाढ़ में कम से कम 50 लोग बह गए. अमरनाथ गुफा में सेना बहुत अच्छा काम कर रही थी. लेकिन वे इस तरह की परिस्थितियों में असहाय थे और अंधेरा भी था.' शुक्रवार को घटनास्थल पर मौजूद रहे एक अधिकारी ने कहा था कि करीब 40 लोग लापता हैं जबकि पांच को बचा लिया गया है. प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि 30 जून से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा को इस त्रासदी के बाद फिलहाल स्थगित कर दिया गया है और बचाव अभियान खत्म होने के बाद इसे फिर से शुरू करने पर फैसला किया जाएगा.
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