नई दिल्ली: पूरे देश की निगाहें आज दोपहर दो बजे अंबाला पर रहेंगी, क्योंकि लड़ाकू विमान रफाल भारत पहुंच रहे हैं. इस मौके पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया खुद विमानों को रिसीव करेंगे. आज यानी बुधवार सुबह 11 बजे अबु धाबी से उड़कर दोपहर करीब 2 बजे पांच रफाल हरियाणा के अंबाला एयर बेस पहुंचेंगे. अंबाला एयरबेस और आसपास के क्षेत्रों की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. एयरबेस के आसपास ड्रोन उड़ाने, फोटोग्राफी पर पाबंदी रहेगी.  


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अंबाला एयरफोर्स स्टेशन को रफाल का पहला स्क्वाड्रन बनाया गया है. जब रफाल लड़ाकू विमान अंबाला एयरबेस पर उतरेंगे तो उनका स्वागत करने के लिए वायुसेना अध्यक्ष आरकेएस भदौरिया मौजूद रहेंगे. रफाल फाइटर जेट के टचडाउन को देखते हुए अंबाला जिला प्रशासन ने एयरबेस के आस पास 3 किलोमीटर दायरे में धारा 144 लागू कर दी है. इसके अलावा, वायुसेना केंद्र के तीन किलोमीटर के दायरे में लोगों के ड्रोन उड़ाने पर भी प्रतिबंध है.  


2016 में हुई थी डील
आपको बता दें कि फ्रांस से लड़ाकू विमानों के सौदे की पहली खेप के रूप में पांच रफाल विमान भारत पहुंच रहे हैं और खासबात यह है कि भारतीय पायलट ही इन्हें उड़ाकर ला रहे हैं. भारत ने सितंबर, 2016 में फ्रांस के साथ 36 रफाल लड़ाकू विमानों की डील की थी. यह डील करीब 59,000 करोड़ रुपये की है. भारतीय वायुसेना ने सहयोग के लिए फ्रांस की एयरफोर्स को शुक्रिया कहा है. फ्रांस से उड़ान भरने के बाद विमान यूएई के अल डाफरा एयरबेस पहुंचे और आज वहां से चलकर भारत पहुंच रहे हैं.


चीन में बेचैनी
रफाल के भारत पहुंचने को लेकर चीन बेचैन है, क्योंकि रफाल की खासियत से वो अच्छी तरह वाकिफ है. अमेरिका की बुलेटिन ऑफ द अटॉमिक साइंटिस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत परमाणु हमला करने की क्षमता को मजबूत करने की कोशिश में है. इसके लिए भारत जल, थल और आकाश से परमाणु मिसाइल दागने वाले नए सिस्टम तैयार कर रहा है. माना जा रहा है कि रफाल आकाश से परमाणु मिसाइल दागने में भारत के मौजूदा सभी लड़ाकू विमानों में से सबसे ताकतवर होगा.