बीजेपी में नंबर 2 कौन? PM नरेंद्र मोदी के रुख ने किया स्‍पष्‍ट
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बीजेपी में नंबर 2 कौन? PM नरेंद्र मोदी के रुख ने किया स्‍पष्‍ट

त्रिपुरा के चुनावी नतीजे यह भी बताते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी की अपील और उनके विकास के वादे पर अभी भी लोगों का भरोसा कायम है.

PM नरेंद्र मोदी ने अमित शाह की मुक्‍त कंठ से सराहना की.(फाइल फोटो)

त्रिपुरा में 25 सालों से अजेय 'लेफ्ट' के दुर्ग को ढहाकर बीजेपी ने आरएसएस के एक बड़े मिशन को पूरा किया है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि 'राइट'(दक्षिणपंथी राजनीति) ने हमेशा 'लेफ्ट' (वामपंथी राजनीति) को वैचारिक धरातल पर दुश्‍मन नंबर एक माना है. इस जीत के बड़े सियासी मायने इसलिए भी है क्‍योंकि ऐसा संभवतया भारतीय राजनीति में पहली बार हुआ है कि किसी दल (बीजेपी) को पिछले विधानसभा चुनाव में महज 1.5 फीसद वोट मिले हों और उसके बाद अगले चुनावों में 42 प्रतिशत वोट शेयर के साथ सीधे सत्‍ता में आ गया हो. बीजेपी की इस जीत के लिए आरएसएस की मेहनत के साथ अमित शाह की चुनावी रणनीति को श्रेय दिया जा रहा है. संभवतया इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीत के बाद बीजेपी हेडक्‍वार्टर में अपने भाषण में अमित शाह की मुक्‍त कंठ से सराहना की.

  1. बीजेपी ने त्रिपुरा में ऐतिहासिक सफलता हासिल की
  2. लेफ्ट का 25 वर्षों से चला आ रहा शासन खत्‍म हुआ
  3. पीएम मोदी ने अमित शाह की सराहना की

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उन्‍होंने कहा कि अमित शाह के कुशल नेतृत्‍व में बीजेपी एक के बाद एक राज्‍यों को जीतती जा रही है. द टाइम्‍स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक उसके बाद संसदीय बोर्ड की बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि अमित शाह सभी के लिए जिम्‍मेदारियां तय कर रहे हैं और उनका निवर्हन करना हम सब पर निर्भर करता है. राजनीतिक विश्‍लेषक इसको स्‍पष्‍ट संकेत मान रहे हैं कि पीएम मोदी ने साफ कर दिया है कि बीजेपी में उनके बाद नंबर दो पर कौन है? यह वास्‍तव में उन लोगों के लिए संकेत माना जा रहा है जो बीजेपी में नंबर दो की हैसियत रखने वाले नेता के बारे में कयास लगाते रहे हैं. वैसे तो यह पहले से ही स्‍पष्‍ट है कि पीएम मोदी के बाद बीजेपी के पदानुक्रम में अमित शाह ही सबसे महत्‍वपूर्ण नेता हैं लेकिन हालिया दौर में पीएम मोदी ने संभवतया पहली बार संकेत देकर इसकी पुष्टि की है.

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पीएम नरेंद्र मोदी
इसके साथ ही त्रिपुरा के चुनावी नतीजे यह भी बताते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी की अपील और उनके विकास के वादे पर अभी भी लोगों का भरोसा कायम है. गुजरात चुनावों और उसके बाद राजस्‍थान और मध्‍य प्रदेश में बीजेपी को अपेक्षित परिणाम नहीं मिलने के बाद राजनीतिक विश्‍लेषक यह कयास लगाने लगे थे कि 'मोदी लहर' की चमक फीकी पड़ रही है लेकिन त्रिपुरा नतीजों ने बीजेपी के आत्‍मविश्‍वास को एक बार फिर बढ़ाने का काम किया है. अब अगले दो महीनों के भीतर होने जा रहे कर्नाटक चुनावों में पार्टी पीएम मोदी की अगुआई में नए जोश-खरोश के साथ उतरेगी.

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बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह
अमित शाह ने त्रिपुरा, तमिलनाडु जैसे राज्‍यों का कुछ महीने पहले करीब 105 दिनों का दौरा किया था. उनका मकसद बीजेपी को उन राज्‍यों में महत्‍वपूर्ण ताकत बनाना है, जहां अपेक्षाकृत वह कमजोर है. त्रिपुरा के नतीजे बताते हैं कि उनकी रणनीति कामयाब हो रही है. वास्‍तव में अमित शाह यह जानते हैं कि हिंदी पट्टी में बीजेपी ने 2014 में अधिकतम सीटें जीती थीं. सो, 2019 में इन क्षेत्रों में संभवतया कुछ उतार आ सकता है, उसकी भरपाई के लिए ऐसे राज्‍यों में बीजेपी अपनी पैठ बढ़ा रही है, जहां अभी उसका जनाधार कम रहा है. नॉर्थ-ईस्‍ट की 24 लोकसभा सीटें इस कड़ी में बीजेपी के लिए 2019 के लिहाज से अहम हैं. नॉर्थ-ईस्‍ट के 3 राज्‍यों में हुए चुनावों में बीजेपी अध्‍यक्ष की यह कोशिश नतीजों के रूप में फलीभूत होती दिख रही है.

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