Amit Shah: हिंसा और वामपंथी उग्रवाद पर जमकर बरसे अमित शाह, बोले-आत्मनिर्भर नए भारत में ऐसे विचार की जगह नहीं
Amit Shah: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को दिल्ली में वामपंथी उग्रवाद पर गृह मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में तीनों गृह राज्यमंत्री सहित समिति के सदस्य और सीमा सुरक्षा बल और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिदेशक उपस्थित थे.
Written ByGunateet Ojha|Last Updated: Feb 07, 2023, 11:39 PM IST
Amit Shah: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को दिल्ली में वामपंथी उग्रवाद पर गृह मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में तीनों गृह राज्यमंत्री सहित समिति के सदस्य और सीमा सुरक्षा बल और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिदेशक उपस्थित थे. इस मौके पर अमित शाह ने कहा कि आत्मनिर्भर नए भारत में हिंसा और वामपंथी उग्रवादी विचार की कोई जगह नहीं है.
अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर नए भारत में हिंसा और वामपंथी उग्रवादी विचार की कोई जगह नहीं है और हमारी सरकार ने इस दिशा में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है. उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए बनाई गई नीति के तीन प्रमुख स्तम्भ हैं. इनमें उग्रवादी हिंसा पर रुथलेस अप्रोच के साथ लगाम कसना, केंद्र-राज्य के बीच बेहतर समन्वय और विकास से जन-भागीदारी के माध्यम से वामपंथी उग्रवाद के प्रति समर्थन खत्म करना शामिल है.
अमित शाह ने कहा कि इस त्रि-सूत्रीय रणनीति से पिछले आठ वर्षो में वामपंथी उग्रवाद पर लगाम कसने में ऐतिहासिक सफलता मिली है, जिसके चलते करीब 4 दशकों के बाद पहली बार वर्ष 2022 में नागरिकों और सुरक्षाबलों की मृत्यु की संख्या 100 से कम रही. वहीं वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसक घटनाओं में वर्ष 2010 के उच्च स्तर से 2022 में 76 प्रतिशत की कमी आई है.
अमित शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं में जान गवाँने वाले नागरिकों तथा सुरक्षाकर्मियों की संख्या वर्ष 2010 के सर्वाधिक स्तर 1005 से 90 प्रतिशत घटकर वर्ष 2022 में 98 रह गई और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जि़लों की संख्या 90 से घटकर 45 रह गई है. वहीं वामपंथी उग्रवाद से सर्वाधिक प्रभावित जिलों की संख्या अप्रैल 2018 में 35 से घटकर 30 तथा जुलाई 2021 से और घटकर 25 रह गई है. अमित शाह ने बताया कि सुरक्षा संबंधी व्यय योजना के जिलों की संख्या 126 से अप्रैल 2018 में घटकर 90 रह गई तथा जुलाई 2021 से ये और घटकर 70 रह गई है.
शाह ने आगे कहा कि वर्ष 2019 से अबतक वामपंथी उग्रवाद प्रभावित इलाकों में 175 नए कैंप स्थापित कर सुरक्षा वैक्यूम को कम करने और टॉप लीडरशिप को निष्क्रिय करके वामपंथी उग्रवाद की रीढ़ तोड़ने में सुरक्षाबलों को बहुत बड़ी कामयाबी मिली है. केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमारे सुरक्षाबलों ने नये-नये इनोवेटिव तरीकों से नक्सलियों को घेरा है और इसी नीति के तहत फरवरी, 2022 में झारखण्ड के लोहदरगा जिले में नव स्थापित सुरक्षा कैम्पों के माध्यम से 13 दिवसीय संयुक्त अभियान को कई सफलतायें मिलीं.
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