बांग्लादेशियों को अवैध तरीके से बसाने वाले महबूब पठान ने अपना फार्म हाउस भी बनाया हुआ था. वाहनों का पार्किंग शुल्क वसूलने वाले महमूद के पास 50 कारें और 250 रिक्शा थे. जिन्हें किराये पर देकर वो कमाई करता था. आप सोचिये कि सरकारी जमीन पर बांग्लादेशियों को अवैध तरीके से बसाकर महबूब पठान ने इतनी संपत्ति इकट्ठा कर ली.
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DNA Analysis : पौराणिक कथाओं में ऐसा दावा किया जाता है कि परशुराम किसी भी मुद्दे पर तुरंत फैसला लेते थे ताकि आगे चलकर वो बड़ी समस्या ना बन जाए. आज गुजरात में बिल्कुल ऐसा ही किया गया है. अहमदाबाद में बांग्लादेशी घुसपैठियों ने धीरे-धीरे एक बहुत बड़े इलाके पर कब्जा कर लिया था. हालात ऐसे हो गये कि इस इलाके को मिनी बांग्लादेश का नाम से जाना जाता था. मंगलवार को गुजरात सरकार ने सबसे बड़ा बुलडोजर अभियान चलाया. एक साथ 80 बुलडोजर उतार दिये गये. जिसके बाद कुछ ही घंटों में अतिक्रमण के साथ-साथ बांग्लादेशियों को गुजरात में बसाने वाले गिरोह का भी सफाया हो गया है.
गुजरात पुलिस का ऑपरेशन
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद देश के अंदर घुसपैठियों को निकालने का अभियान शुरू हुआ है. गुजरात पुलिस ने इसके लिये तैयारियां सोमवार रात से ही शुरु कर दीं. मंगलवार को यहां करीब 50 हजार वर्ग मीटर जमीन से बांग्लादेशी घुसपैठियों के अवैध निर्माण को हटाया जा चुका है. इस जमीन की कीमत करोड़ों में है. जो अब कब्जामुक्त हो चुकी है. इलाका बड़ा था इसलिये तैयारी भी बहुत बड़े स्तर पर हुई. इस अभियान में 80 बुलडोजर, 60 डंपर और लगभग 2 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया. आप सोचेंगे कि घुसपैठियों को हटाने के लिये इतनी ज्यादा फोर्स क्यों तैनात की गई. तो ध्यान से पढ़िए आपको इसकी वजह बताते हैं
'मिनी बांग्लादेश' में डर लगता था!
अहमदाबाद में चंदोला झील और उसके आसपास के इलाके को 'मिनी बांग्लादेश' कहा जाता है. ये इलाका 1200 हेक्टेयर में फैला हुआ है. अवैध बांग्लादेशियों के बसने की वजह से घनी आबादी वाला ये इलाका आपराधिक गतिविधियों के लिए भी बदनाम था. कुछ समय पहले गुजरात ATS ने यहां से एक आतंकवादी को भी गिरफ्तार किया था. दावा है कि यहां पर 190 से ज्यादा बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान हो चुकी है. ये बांग्लादेशी घुसपैठिये देश के शहरों में लगा वो दीमक है जो अंदर ही अंदर खोखला कर रहा है. आज दिनभर बुलडोजर चलाकर अहमदाबाद के इस इलाके को अतिक्रमण मुक्त किया गया.
'दूसरे शहरों में भी ऐसा अभियान चलाना जरूरी'
आप सबसे पहले इस रिपोर्ट को गौर से पढ़िएये तो आपको पता चलेगा कि देश के दूसरे शहरों के लिये भी ऐसा अभियान चलाना कितना जरूरी है.
बांग्लादेशी घुसपैठियों को यहां बसाने के लिये के लिये एक गिरोह मौजूद था. जिसका मास्टरमाइंड महबूब पठान उर्फ लल्लू बिहारी को बताया जा रहा है. महबूब पर आरोप है कि वो लाखों रुपए लेकर अवैध बांग्लादेशियों को यहां अवैध तरीके से बसाता था. उसका एक गैंग है जो फर्जी दस्तावेज बनवाकर बांग्लादेशियों को देता था. हालांकि अब गुजरात पुलिस ने नकली दस्तावेजों की जांच शुरु कर दी है.
देश-प्रदेश दोनों के लिए खतरा टला
बांग्लादेशियों को अवैध तरीके से बसाने वाले महबूब पठान ने यहां अपना फार्म हाउस भी बनाया हुआ था. वाहनों का पार्किंग शुल्क वसूलने वाले महमूद के पास 50 कारें और 250 रिक्शा थे. जिन्हें किराये पर देकर वो कमाई करता था. आप सोचिये कि सरकारी जमीन पर बांग्लादेशियों को अवैध तरीके से बसाकर महबूब पठान ने इतनी संपत्ति इकट्ठा कर ली.
अंग्रेजी में एक कहावत है A stitch in time saves nine यानी अगर आप किसी समस्या को तुरंत हल कर लें तो भविष्य में उसे बड़ा होने से रोक सकते हैं. आज गुजरात में ऐसा ही किया गया है और हमें उम्मीद है कि अब देश के दूसरे शहरों में भी यही फॉर्मूला अपनाया जाएगा.