नई दिल्ली: कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा (Anand Sharma) ने सोमवार को पश्चिम बंगाल (West Bengal) में मुस्लिम धर्मगुरु अब्बास सिद्दीकी के नेतृत्व वाले इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) के साथ गठबंधन की आलोचना की. उन्होंने कहा कि यह पार्टी की मूल विचारधारा, गांधीवाद और नेहरूवादी सेकुलरिज्म के खिलाफ है.
गठबंधन से पहले होनी चाहिए थी चर्चा
शर्मा ने ट्विटर पर कहा, 'पार्टी कम्युनलिज्म के खिलाफ लड़ाई में सलेक्टिव नहीं हो सकती है. हमें कम्युनलिज्म के हर रूप से लड़ना है. पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की उपस्थिति और समर्थन शर्मनाक है, उन्हें अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए. ISF जैसी कट्टरपंथी पार्टी के साथ गठबंधन के मुद्दे पर पहले चर्चा होनी चाहिए थी, जो कांग्रेस पार्टी की आत्मा है. उसे कांग्रेस कार्यसमिति CWS द्वारा अप्रूव्ड होना चाहिए था.'
सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस चयनात्मक नहीं हो सकती है। हमें हर सांप्रदायिकता के हर रूप से लड़ना है। पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की उपस्थिति और समर्थन शर्मनाक है, उन्हें अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए।
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) March 1, 2021
वाम और ISF के साथ गठबंधन में कांग्रेस
गौरतलब है कि कांग्रेस पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव (West Bengal Assembly Election 2021) वाम और आईएसएफ के साथ गठबंधन में लड़ रही है, लेकिन केरल में माकपा के खिलाफ लड़ रही है. भले ही वाम ने आईएसएफ के साथ अपनी सीट-साझेदारी को अंतिम रूप दे दिया है, लेकिन कांग्रेस द्वारा अभी ऐसा करना बाकी है.
'पार्टी कमजोर हो रही है'
वाम, कांग्रेस और आईएसएफ के नेताओं ने रविवार को कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में एक संयुक्त रैली को संबोधित किया था. इस दौरान वाम और कांग्रेस के नेताओं के साथ मंच पर ISF के संस्थापक अरैर फुरफुरा शरीफ के अब्बास सिद्दीकी आए थे. जबकि शर्मा और 'G-23' के कई अन्य नेता इनडायरेक्ट तौर पर नाराजगी व्यक्त करते हुए शनिवार को जम्मू में इकट्ठा हुए थे और कहा था कि पार्टी कमजोर हो रही है.
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