नई दिल्ली: तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के फैसले को कांग्रेस का समर्थन मिला है. इसके साथ ही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी तेदेपा को समर्थन देने की बात कही है. कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'हम शुरू से ही आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य के दर्जे का समर्थन करते आ रहे हैं. हम चाहते हैं कि आंध्र की जनता को इंसाफ मिले. जब अविश्वास प्रस्ताव संसद में आएगा, तो आपको सरकार की नाकामियों पर बात करनी होगी, हम लोगों से संपर्क कर रहे हैं.'


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एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'हमारी पार्टी लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगी. न सिर्फ आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के मामले में मोदी सरकार के फेल होने पर, बल्कि सरकार द्वारा अपने उस वादे को पूरा न करने को लेकर भी, जिसमें युवाओं के लिए रोजगार मुहैया कराने और अल्पसंख्यकों व मुस्लिम औरतों को न्याय दिलाने क बात कही गई थी.'


 



 


माकपा के सीताराम येचुरी ने कहा, 'भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) समर्थन करती है. द्विपक्षीय समझौते के तहत आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देना गलत है. यह पूरी तरह से संसदीय जवाबदेही के नाकाम होने का मामला है और इसे निश्चित तौर पर प्रकाश में लाया जाना चाहिए.' 


 



 


ममता बनर्जी ने तेदेपा के राजग से अलग होने के फैसले का किया स्वागत
वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तदेपा के राजग से अलग होने के फैसले का स्वागत करते हुए सभी विपक्षी पार्टियों से एक साथ आने और 'अत्याचारों, आर्थिक विपत्तियों और राजनीतिक अस्थिरता' के खिलाफ निकटता से काम करने की अपील की. आंध्र प्रदेश को विशेष श्रेणी का दर्जा (एससीएस) देने से केंद्र के इनकार के बाद तेलुगु देशम पार्टी( तदेपा) ने शुक्रवार (16 मार्च) सुबह नरेंद्र मोदी सरकार से औपचारिक रूप से अलग होने का फैसला लिया, जिसके बाद ममता ने यह प्रतिक्रिया दी.


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टीएमसी प्रमुख ने ट्वीट किया, 'मैं तदेपा के राजग छोड़ने के फैसला का स्वागत करती हूं. वर्तमान हालात में देश को विपत्तियों से बचाने के लिए ऐसे कदम आवश्यक हैं.' ममता ने लिखा, 'मैं विपक्षी राजनीतिक दलों से अत्याचारों, आर्थिक विपत्तियों और राजनीतिक अस्थिरता के खिलाफ निकटता से काम करने की अपील करती हूं.' 


तेदेपा ने राजग छोड़ी, अविश्वास प्रस्ताव लाने का लिया निर्णय
आंध्र प्रदेश को 'विशेष राज्य' का दर्जा दिलाने के मुद्दे पर तेदेपा ने शुक्रवार (16 मार्च) को राजग से अपना समर्थन वापस ले लिया. तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) ने शुक्रवार (16 मार्च) को औपचारिक रूप से राजग छोड़ने का फैसला ले लिया. आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से केंद्र के इनकार से नाराज पार्टी के दो नेताओं के नरेंद्र मोदी की सरकार से हटने के कुछ दिनों बाद ही यह निर्णय लिया गया है. आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि राज्य के साथ हुए अन्याय के मद्देनजर पार्टी मोदी सरकार के खिलाफ एक अविश्वास प्रस्ताव लाएगी.


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उल्लेखनीय है कि पी अशोक गजपति राजू और वाई एस चौधरी ने आठ मार्च को आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 पर प्रधानमंत्री के साथ बैठक करने के बाद केन्द्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. पार्टी प्रमुख एवं आंध्र पद्रेश मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के साथ एक टेलीकॉन्फ्रेंस के जरिए तदेपा पोलितब्यूरो ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया. उसने कहा कि तेलुगु देशम पार्टी आज (शुक्रवार, 16 मार्च) अविश्वास प्रस्ताव लाने के सबंध में एक नोटिस जारी करेगी, लेकिन बाद में यह फैसला लिया गया कि पार्टी सोमवार को अविश्‍वास प्रस्‍ताव लाएगी.


पार्टी पोलित ब्यूरो के राजग छोड़ने के निर्णय पर बैठक आज शाम होनी थी, लेकिन नायडू की पार्टी नेताओं के साथ आज सुबह हुई दैनिक टेलीकॉन्फ्रेंस में ही औपचारिकताएं पूरी कर ली गईं. आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि तदेपा, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और राजग के अन्य घटकों को अपने निर्णय और उसके कारणों की जानकारी देने के लिए पत्र लिखेगी


 (इनपुट एजेंसी से भी)