हेराल्ड पर उठा तूफान; कांग्रेस ने लगाया राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप, सरकार ने किया इंकार
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हेराल्ड पर उठा तूफान; कांग्रेस ने लगाया राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप, सरकार ने किया इंकार

नेशनल हेराल्ड मामले ने मंगलवार को एक राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया। कांग्रेस ने जहां सरकार पर उसके नेताओं के खिलाफ ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ का आरोप लगाया तो वहीं इस आरोप को सिरे से खारिज करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को अदालत का सामना करने को कहा।

हेराल्ड पर उठा तूफान; कांग्रेस ने लगाया राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप, सरकार ने किया इंकार

नई दिल्ली : नेशनल हेराल्ड मामले ने मंगलवार को एक राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया। कांग्रेस ने जहां सरकार पर उसके नेताओं के खिलाफ ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ का आरोप लगाया तो वहीं इस आरोप को सिरे से खारिज करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को अदालत का सामना करने को कहा।

सरकार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर आरोप लगाया कि वह सदन की कार्यवाही में बाधा डाल रही हैं और इसकी वजह भी बताने को तैयार नहीं हैं। वहीं सोनिया गांधी ने कहा कि वह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की बहू हैं और किसी से डरती नहीं हैं।

जेटली ने कांग्रेस नेताओं को बुधवार को संसद में इस मुद्दे पर कार्यवाही को बाधित करने के बजाय चर्चा की चुनौती दी और कहा कि कांग्रेस पार्टी और इसके नेताओं को बहुत सी बातों का जवाब देना है।

हेराल्ड मामले में समन को रद्द कराने की सोनिया गांधी, राहुल गांधी तथा अन्य की अपील को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के एक दिन बाद संसद के दोनों सदनों में कांग्रेस के सदस्यों ने आज जमकर हंगामा किया जिसके कारण कई बार के स्थगन के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही करीब सवा तीन बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी।

कांग्रेस और सत्तापक्ष दोनों ओर से हालांकि नेशनल हेराल्ड मामले का सीधा उल्लेख नहीं किया गया। राजनीतिक प्रतिशोध के कांग्रेस के आरोप को अस्वीकार करते हुए सरकार ने कहा कि ‘न्यायालय में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है।’ सदन के भीतर कांग्रेस की रणनीति संबंधी समिति की बैठक के बाद सोनिया गांधी ने संसद भवन परिसर में पूर्व प्रधानमंत्री का जिक्र करते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘मैं इंदिरा गांधी की बहू हूं। मैं किसी से डरती नहीं हूं।’ उनसे संवाददाताओं ने नेशनल हेराल्ड मामले में उनके खिलाफ दिल्ली की एक अदालत द्वारा जारी सम्मन को रद्द करने की अपील को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा नामंजूर किए जाने को लेकर सवाल किया था।

कांग्रेस अध्यक्ष की यह टिप्पणी ऐसे समय में आयी है जब मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी और अन्य की इस मामले में आज भर के लिए पेशी से छूट संबंधी याचिका को स्वीकार कर लिया। अदालत ने हालांकि उन्हें 19 दिसंबर को निजी रूप से पेश होने को कहा है। कुड्डालूर में राहुल गांधी ने कहा कि यह निश्चित रूप से राजनीतिक प्रतिशोध है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र यह सोचता है कि ऐसा करके वह उन्हें सवाल उठाने से रोक सकता है।

संसदीय मामलों के मंत्री एम वेंकैया नायडू ने संसद भवन परिसर में कहा, 'उन्हें अदालत में मामला लड़ना चाहिए। आप सरकार को कैसे जिम्मेदार ठहरा सकते हैं। यह पूरी तरह अनुचित और गैरजिम्मेदाराना है। वे सचाई का सामना नहीं कर सकते इसलिए सरकार के सिर दोष मढ़ रहे हैं।’ कांग्रेस के आरोपों को सिरे से नकारते हुए राज्यसभा में सदन के नेता और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस को न्यायपालिका में जवाब देना चाहिए।

जेटली ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के खिलाफ गंभीर मामला आया है जिसे सरकार ने नहीं बल्कि न्यायपालिका ने उठाया है। संसदीय मामलों के राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने लोकसभा में कार्यवाही को बाधित करने का सोनिया गांधी पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनका अनुमान है कि न्यायालय की किसी बात को लेकर कांग्रेस सदस्य आंदोलित हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले से सरकार का या सदन का कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि सुबह से कांग्रेस सदस्य इस मामले को लेकर आक्रोशित और उत्तेजित हैं लेकिन उसका कोई नेता यह बोलने को तैयार नहीं है कि मामला क्या है।

उन्होंने साथ ही कहा कि यदि कांग्रेस अध्यक्ष को लगता है कि वह पीड़ित हैं और सरकार पीड़क है तो वह सदन में अपनी बात रख सकती हैं।

विधि मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा ने भी कहा कि केवल हंगामा करने से कोई मकसद हल नहीं होता और विपक्ष के इस प्रकार के रवैये को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उधर, राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने नेशनल हेराल्ड मामले का नाम लिए बिना कहा कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के घर पर उस दिन छापा पड़ा जिस दिन उनकी बेटी की शादी थी। और कल की घटना उससे अलग नहीं है।

उन्होंने कहा कि सरकार ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ की भावना से काम कर रही है।

कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेताओं और वकीलों कपिल सिब्बल, अभिषेक सिंघवी तथा रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा ‘कांग्रेस मुक्त’ भारत चाहती है और इसीलिए ऐसे मामले कांग्रेस नेताओं के खिलाफ आगे बढ़ाए जा रहे हैं। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि आसन को इस बारे में न तो कोई नोटिस दिया गया है और न ही कांग्रेस के नेता स्वयं यह बताने को तैयार हैं कि मामला क्या है? महाजन ने कहा, ‘न तो आपके नेता कुछ बता रहे हैं, न आपने कोई नोटिस दिया है, ऐसे ही हंगामा कर रहे हैं। ऐसा तो पहली बार हो रहा है सदन में।’ लोकसभा और राज्यसभा में कांग्रेसी सदस्यों के हंगामे के कारण आज कोई विशेष कामकाज नहीं हो सका। प्रश्नकाल की कार्यवाही बाधित हुई और आवश्यक दस्तावेज भी हंगामे के बीच ही पटल पर रखवाए गए।

लोकसभा में नियम 193 के तहत देश में सूखे के कारण उत्पन्न संकट पर कल शुरू हुई चर्चा भी आज आगे नहीं बढ़ सकी।

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