विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने में ‘विफलता’ के लिए मोदी सरकार की आलोचना करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि वह लोकपाल के मुद्दे पर नए सिरे से आंदोलन छेड़ेंगे। अन्ना ने इसके साथ ही काले धन के मुद्दे पर कहा कि जनता के साथ जो ‘धोखाधड़ी’ की गई है, जनता सरकार को उसका सबक सिखाएगी।
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मुंबई : विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने में ‘विफलता’ के लिए मोदी सरकार की आलोचना करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि वह लोकपाल के मुद्दे पर नए सिरे से आंदोलन छेड़ेंगे। अन्ना ने इसके साथ ही काले धन के मुद्दे पर कहा कि जनता के साथ जो ‘धोखाधड़ी’ की गई है, जनता सरकार को उसका सबक सिखाएगी।
अन्ना हजारे ने कहा कि मोदी सरकार ने राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षर किए जाने के 365 दिन बाद भी लोकपाल अधिनियम को लागू नहीं किया। इसने जनता को दिए गए आश्वासनों को पूरा नहीं किया। अहमदनगर जिले में अपने पैतृक रालेगण सिद्धि गांव में अन्ना ने एक बयान में कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर गंभीर नहीं है। इसलिए लोकपाल, भूमि अधिग्रहण अधिनियम और काले धन के मुद्दे पर एक बार फिर से आंदोलन चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में लोगों से वादा किया गया था कि सौ दिन के भीतर (भाजपा की सरकार बनने के) कालेधन को वापस लाया जाएगा और हर नागरिक के खाते में 15 लाख रूपये जमा कराए जाएंगे लेकिन 15 रुपये तक नहीं आए।
अन्ना हजारे ने अपने पुराने साथियों अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी के बारे में बात करने से इनकार कर दिया। केजरीवाल आम आदमी पार्टी के नेता हैं तो बेदी हाल ही में भाजपा में शामिल हुई हैं। केजरीवाल और बेदी दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी-अपनी पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं। हजारे ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि लोगों के साथ जो धोखाधड़ी हुई है उससे वे उन्हें (भाजपा नीत सरकार को) उसी तरह का सबक सिखाएंगे जो उन्होंने कांग्रेस को सिखाया था। साल 2011 के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के बाद जनता जग गई। केजरीवाल और बेदी के बारे में उनका विचार पूछे जाने पर हजारे ने कहा कि वह राजनीति के बारे में बातचीत नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि मैं इन चीजों में नहीं पड़ना चाहता। मुझे अन्य बातों के बारे में पूछिए, देश के बारे में पूछिए। एक अरविंद या एक किरण महत्वपूर्ण नहीं हैं।