भारत के आर्मी चीफ ने 2 दिन पहले ही दी थी चेतावनी, चुन-चुन कर मारेंगे
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भारत के आर्मी चीफ ने 2 दिन पहले ही दी थी चेतावनी, चुन-चुन कर मारेंगे

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के दो दिन पहले के बयान पर गौर करें तो उन्होंने दो दिन पहले ही म्यांमार बॉर्डर पर हुए बड़े सैन्य ऑपरेशन के संकेत दिए थे.

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने दो दिन पहले दिए थे सर्जिकल स्ट्राइक के संकेत.

पाकिस्तान की धरती पर हुई 'सर्जिकल स्ट्राइक' (surgical strike) की बरसी से ठीक दो दिन पहले भारतीय सेना ने म्यांमार बॉर्डर पर एक और बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया है. इस बार भारतीय सेना के जांबाजों ने नगा आतंकवादियों को अपना निशाना बनाया है. नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में आतंक फैलाने वाले NSCN (K) संगठन के आतंकियों के खात्मे के लिए भारतीय सेना ने बुधवार तड़के 4:45 बजे इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. दो दिन पहले ही सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने देश के दुश्मनों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई का संकेत दिया था. रावत ने साप कहा था कि यदि जरूरत पड़ी तो सेना सर्जिकल स्ट्राइक जैसी बड़ी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगी.

  1. म्यांमार बॉर्डर पर भारतीय सेना का सर्जिकल स्ट्राइक
  2. भारतीय जांबाजों ने नागा के आतंकियों को ठिकाने लगाया
  3. बुधवार तड़के 4:45 बजे इस सर्जिकल स्ट्राइक्स को अंजाम दिया

सेना प्रमुख ने साफ शब्दों में कहा था, ' सर्जिकल स्ट्राइक (surgical strikes) एक संदेश था, जिसे हम देना चाहते थे. मैं समझता हूं कि वे हमारे संदेश को समझ गए हैं. जरूरत पड़ने पर ऐसी कार्रवाई फिर की जा सकती है.' बिपिन रावत ने कहा, 'हम किसी भी घुसपैठ को रोकने के लिए तैयार हैं. आतंकवादी सीमा के उस पार तैयार हैं और हम सीमा के इस तरफ उनकी खातिरदारी के लिए तैयार हैं. हम उनका स्वागत करेंगे और उन्हें उनकी कब्र में दफन कर देंगे.' 

इसके पहले भी सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सेना दिवस के मौके पर (15 जनवरी) कहा था कि भारत शांति चाहता है, लेकिन शांति को बाधित किया जाता है तो इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. उन्होंने यह चेतावनी पाकिस्तान का नाम लिए बगैर दी थी. दिल्ली छावनी में आयोजिक कार्यक्रम में सेना प्रमुख ने कहा कि नई दिल्ली के खिलाफ छद्म युद्ध को दिए जा रहे सहयोग के बावजूद भारत शांति चाहता है. उन्होंने यह बयान पाकिस्तान का नाम लिए बगैर दिया. उन्होंने कहा, "छद्म युद्ध को दिए जा रहे सहयोग के बावजूद हम नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर शांति चाहते हैं. हालांकि, किसी भी संघर्षविराम उल्लंघन का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा."

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भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा जम्मू एवं कश्मीर को बांटती है. जनरल ने कहा कि यदि सीमा पर शांति को बाधित किया जाता है तो भारतीय सेना अपना शक्ति प्रदर्शन करेगी. उन्होंने कहा, "हम सीमा पर शांति चाहते हैं. लेकिन शांति को बाधित करने के किसी प्रयास को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सीमा पर शांति बहाली के हमारे प्रयास को कमजोरी के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए."

उन्होंने कहा, "हम दोस्ती का हाथ बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन हम शांति बहाली को बाधित करने वालों को चेतावनी देना चाहते हैं कि हम अपनी शक्ति भी अच्छी तरह प्रदर्शित कर सकते हैं." रावत ने कहा, "सेना, वायुसेना और नौसेना को आगामी चुनौतियों का मिलकर सामना करना चाहिए." उन्होंने कहा, "यह जरूरी है कि सभी तीनों बल साथ मिलकर काम करें. यह सफलता के लिए महत्वपूर्ण होगा." 

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