जनरल बिपिन रावत ने कहा, ‘हमारी सुरक्षा नीति की दो मूलभूत बुनियाद है . हमारे पास कोई अतिरिक्त क्षेत्रीय लालसा नहीं है, और हम दूसरों पर हमारी विचारधाराओं को थोपने की कोई इच्छा नहीं रखते हैं .
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नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने गुरुवार को कहा कि भारत को अतिरिक्त क्षेत्र की लालसा नहीं है लेकिन इसका लक्ष्य निर्बाध आर्थिक प्रगति और सामाजिक-राजनीतिक विकास के लिए एक अनुकूल बाहरी और आंतरिक सुरक्षा का वातावरण सुनिश्चित करना है.
‘इवोल्विंग जियो पोलिटिक्स आफ द इंडो पेसिफिक रीजन चैलेंजेज एंड प्रोसपेक्ट’ पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए जनरल रावत ने कहा,‘समुद्री क्षेत्रों की प्रतिस्पर्धी संप्रभुता पूर्व एशिया और दक्षिण चीन सागर में एक बड़ी चुनौती पैदा करती है और इन विवादित समुद्री सीमाएं अंतरराष्ट्रीय जल के लिए खतरा है .’
'हमारी सुरक्षा नीति की दो मूलभूत बुनियाद है'
अपने संबोधन में रावत ने कहा, ‘हमारी सुरक्षा नीति की दो मूलभूत बुनियाद है . हमारे पास कोई अतिरिक्त क्षेत्रीय लालसा नहीं है, और हम दूसरों पर हमारी विचारधाराओं को थोपने की कोई इच्छा नहीं रखते हैं . हमारा लक्ष्य निर्बाध आर्थिक प्रगति और सामाजिक-राजनीतिक विकास के लिए एक अनुकूल बाहरी और आंतरिक सुरक्षा का वातावरण सुनिश्चित करना है . इसलिए हिंद प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता आवश्यक है.’
भारत में आस्ट्रेलिया की उच्चायुक्त हरिंदर सिद्धू ने भी इस सेमिनार को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि अगर न्योता मिलता है तो मालाबार अभ्यास में आस्ट्रेलिया हिस्सा लेने को इच्छुक है . सिद्धू ने कहा कि मालाबार त्रिपक्षीय अभ्यास है जिसमें भारत के अलावा अमेरिका और जापान शामिल है . भारत के शीर्ष भागीदारों में आस्ट्रेलिया को भी समझा जाना चाहिए .
(इनपुट - भाषा)