LoC पर भारी गोलाबारी की बीच सेनाध्यक्ष पहुंचे कश्मीर, राज्यपाल से मिलकर सुरक्षा व्यवस्था की चर्चा की
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LoC पर भारी गोलाबारी की बीच सेनाध्यक्ष पहुंचे कश्मीर, राज्यपाल से मिलकर सुरक्षा व्यवस्था की चर्चा की

जनरल रावत ने राज्यपाल को सीमा पर घुसपैठ को रोकने के लिए किए गए चौकसी के इंतजामों के बारे में भी जानकारी दी.

LoC पर भारी गोलाबारी की बीच सेनाध्यक्ष पहुंचे कश्मीर, राज्यपाल से मिलकर सुरक्षा व्यवस्था की चर्चा की

नई दिल्ली: दो दिन से पाकिस्तान के साथ लगती सीमा यानि LOC पर भारी गोलाबारी और घुसपैठ की कोशिशों के बीच गुरुवार को सेनाध्य़क्ष जनरल बिपिन रावत कश्मीर में दौरे पर पहुंच गए थे. जनरल रावत दो दिन तक कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेंगे. गुरुवार को जनरल रावत ने उत्तरी कश्मीर की सीमा का दौरा किया. बाद में उन्होंने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से भी मुलाकात कर सुरक्षा के बारे में चर्चा की. जनरल रावत ने राज्यपाल को सीमा पर घुसपैठ को रोकने के लिए किए गए चौकसी के इंतजामों के बारे में भी जानकारी दी.

पाकिस्तान ने बुधवार को उत्तरी कश्मीर के तंगधार, गुरेज़ से लेकर जम्मू के नौशेरा तक की सीमा पर जबरदस्त गोलाबारी की थी. इस गोलाबारी में नौशेरा के सुंदरबनी में लांस नायक किशन लाल को वीरगति मिली. गुरेज़ में सीमा पार से हो रही भारी गोलाबारी में एक महिला की जान चली गई और दूसरी गंभीर रूप से घायल हुई.

बुधवार को ही पाकिस्तान ने गुरेज़ में गोलाबारी की आड़ में घुसपैठ की कोशिश भी की थी. लेकिन भारतीय सेना की सतर्कता की वजह से इसमें क़ामयाबी नहीं मिली और दो घुसपैठिए सीमा पर ही मारे भी गए. पाकिस्तान ने लंबे अरसे के बाद कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ को दोबारा शुरू किया है.

फ़रवरी में बालाकोट में हुए हवाई हमले के बाद केवल एक बार मई में ही पाकिस्तान ने घुसपैठ की कोशिश की थी. इस समय पहाड़ों के ऊंचाई वाले हिस्सों में जमी बर्फ पिघल चुकी है और घुसपैठियों के लिए बहुत से रास्ते खुले हुए हैं. आशंका है कि आने वाले कुछ दिनों में पाकिस्तान घुसपैठ की कोशिशों को बढ़ा सकता है.

घाटी में इन दिनों अमरनाथ यात्रा चल रही है जिसमें लाखों यात्री भाग ले रहे हैं. इस यात्रा की सुरक्षा करने का दायित्व भी सुरक्षा बलों पर है. घाटी में 10000 अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की तैनाती भी की गई है जिसे आतंकवादियों की तरफ से किसी बड़े हमले की आशंका से जोड़कर देखा जा रहा है.

स्वतंत्रता दिवस को कश्मीर में आतंकवादी और अलगाववादी नेता देश विरोधी भावनाएं भड़काने और गड़बड़ी पैदा करने लिए इस्तेमाल करते हैं. स्वतंत्रता दिवस को शांति पूर्वक मनाने की चुनौती के मद्देनज़र जनरल रावत के कश्मीर दौरे को महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

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