पूर्व सैनिकों को Coronavirus के कहर से बचाने के लिए Army ने कसी कमर, इस तरह मिलेगी मदद
ज्यादातर पूर्व सैनिक (Ex Serviceman) दूर-दराज के इलाकों में रहते हैं जहां कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित होने की स्थिति में उनकी मदद करना मुश्किल होता है. सेना मुख्यालय ने एक्स सर्विसमैन सेल को पूर्व सैनिकों को कोरोना के इलाज की पूरी जानकारी मुहैया कराने की जिम्मेदारी सौंपी है.
नई दिल्ली: भारतीय सेना (Indian Army) ने देशभर में मौजूद अपने पूर्व सैनिकों को कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के इलाज में मदद के लिए एक्ससर्विस मैन सेल (Ex Serviceman Cell) की ओर से चौबीसों घंटे की हेल्पलाइन शुरू की गई है.
सेना का संकल्प
वैश्विक कोरोना महामारी से जारी युद्ध में देश की एयर फोर्स (Indian Air Force) ऑक्सीजन (Oxygen) आपूर्ति का बेड़ा उठा चुकी है. वहीं ऐसे में थल सेना ने जो संकल्प लिया है उसका फायदा देश की सेवा कर चुके लाखों जवानों और उनके परिजनों को होगा. सभी पूर्व सैनिकों इस तरह अब सैनिक अस्पताल में ही अपना इलाज करा सकेंगे.
आर्मी के विशेष अस्पतालों में किसी को भी इलाज से मना नहीं किया जा सकता है. फिलहाल देश में करीब 32 लाख पूर्व सैनिक और उनकी विधवाएं हैं. जिनमें से 86 फीसदी जेसीओ और दूसरे रैंक से जुड़े हैं. वहीं इस सेल में सिर्फ 14 फीसदी पूर्व अफसर हैं.
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संपर्क बढ़ाने पर जोर
ज्यादातर पूर्व सैनिक दूर-दराज के इलाकों में रहते हैं जहां कोरोना होने की स्थिति में उनकी मदद कर पाना मुश्किल होता है. इसलिए सेना मुख्यालय ने पूरे देश में फैले एक्स सर्विसमैन सेल को पूर्व सैनिकों को कोरोना इलाज की पूरी जानकारी मुहैया कराने की ज़िम्मेदारी सौंपी है. सेल का हेल्पलाइन नंबर चौबीसों घंटे काम करेगा और पूर्व सैनिकों को कोरोना अस्पतालों को जानकारी देगा. सभी पूर्व सैनिकों से भी एक-दूसरे के संपर्क में रहने को कहा गया है ताकि उन्हें जानकारियां मिलती रहे.
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सैनिक अस्पतालों में तैयारी पूरी
सेल स्थानीय भाषाओं में कोरोना इलाज की जानकारी और सलाह उपलब्ध कराएगा. सभी सैनिक अस्पतालों में पूर्व सैनिकों के कोरोना इलाज की सुविधा तैयार कर दी गई है और किसी भी पूर्व सैनिक को इलाज के लिए मना नहीं किया जाएगा. अकेले रहने वाले पूर्व सैनिकों के लिए बडी पेयर में रहने की व्यवस्था की जा रही है ताकि वो एक-दूसरे की मदद कर सकें.
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