नए परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बनवाए हैं 11 हजार टॉयलेट
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नए परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बनवाए हैं 11 हजार टॉयलेट

'घर - घर में हो शौचालय का निर्माण, तभी होगा लाडली बिटिया का कन्यादान' का नारा देने का श्रेय अश्विनी कुमार चौबे को जाता है. 

अश्विनी कुमार चौबे बिहार में बक्‍सर से लोकसभा सदस्‍य हैं.(साभार: एएनआई)

नई दिल्ली: बिहार से चर्चित ब्राह्मण चेहरा अश्विनी कुमार चौबे रविवार (3 सितंबर) को मंत्रिमंडल फेरबदल में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री नियुक्त किये गये हैं. चौबे अपने पूर्ववर्ती फग्गन सिंह कुलस्ते की जगह लेंगे. केंद्रीय मंत्रिपरिषद में किए गए फेरबदल के तहत शामिल किए गए मंत्रियों में भाजपा सांसद अश्विनी कुमार चौबे का नाम भी शामिल है जिन्होंने ‘घर - घर में हो शौचालय का निर्माण, तभी होगा लाडली बिटिया का कन्यादान’ का नारा दिया था.शपथ लेने के बाद चौबे ने ट्वीट किया, ‘@ नरेंद्र मोदी एवं @ अमित शाह जी के साथ केंद्रीय नेतृत्व ने मुझ पर भरोसा जताया उसके लिए हृदय से आभार. जिम्मेवारी का शतप्रतिशत निर्वहन करूँगा.’ उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘बक्सर,बिहार और संपूर्ण भारत की जनता को सादर प्रणाम करता हूँ. आप सभी का भरोसा, विश्वास और स्नेह मुझे ऊर्जा देता है उसे ऐसे ही बनाये रखें.’ 

  1. आपातकाल के दौरान मीसा के तहत हिरासत में लिया गया था.
  2. महादलित परिवारों के लिए 11,000 शौचालय बनाने में भी मदद की.
  3. मई 2014 के आम चुनाव में 16 वीं लोकसभा के लिए चुने गए.

चौबे बिहार के बक्सर से लोकसभा सदस्य हैं. वह 1970 के दशक में जेपी आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल थे. उन्हें आपातकाल के दौरान मीसा के तहत हिरासत में लिया गया था. ‘घर - घर में हो शौचालय का निर्माण, तभी होगा लाडली बिटिया का कन्यादान’ का नारा देने वाले चौबे ने महादलित परिवारों के लिए 11,000 शौचालय निर्माण में भी मदद की. वह मई 2014 के आम चुनाव में 16 वीं लोकसभा के लिए चुने गए. वह ऊर्जा पर संसद की प्राक्लन एवं स्थायी समिति के सदस्य हैं. वह केंद्रीय रेशम बोर्ड के भी सदस्य हैं.

भागलपुर के दरियापुर के रहने वाले चौबे बिहार विधानसभा के लिए लगातार पांच बार चुने गए. वह वर्ष 1995 से 2014 तक बिहार विधानसभा के सदस्य रहे. वह बिहार सरकार में आठ साल तक स्वास्थ्य, शहरी विकास और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी सहित अहम विभागों के पदभार संभाल चुके हैं. उन्होंने पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष के तौर पर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. वह वर्ष 1974 से 1987 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे. 

चौबे ने 1967 - 68 में बिहार सरकार के खिलाफ छात्र आंदोलन में भाग लिया था. उन्होंने केरल में 1972-73 में अखिल भारत छात्र नेता सम्मेलन में भी भाग लिया था. साल 2013 में अपने परिवार के साथ उन्होंने भीषण केदारनाथ बाढ़ का सामना किया था. उन्होंने इस आपदा पर ‘केदारनाथ त्रासदी’ पुस्तक भी लिखी है. उन्होंने प्राणी विज्ञान में बीएससी (ऑनर्स) किया है. योग में उनकी विशेष रुचि है. कुलस्ते ने पांच जुलाई 2016 को राज्य मंत्री पद की शपथ ली थी. वह मध्यप्रदेश के मंडला निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. वर्ष 2008 में कुलस्ते नोट के बदले वोट कांड का हिस्सा थे. 

निर्मला संभालेंगी रक्षा मंत्रालय और पीयूष गोयल बने रेल मंत्री

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रविवार (3 सितंबर) को मंत्रिपरिषद में किये गये महत्वपूर्ण विस्तार और फेरबदल में निर्मला सीतारमण को रक्षा एवं पीयूष गोयल को रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गयी है. मंत्रिमंडल विस्तार में चार मंत्रियों का पदोन्नत कर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया तथा नौ राज्यमंत्री शामिल किये गये. ताजा विस्तार के बाद मोदी मंत्रिपरिषद में अब 27 कैबिनेट, 11 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और 37 राज्य मंत्री समेत कुल सदस्यों की संख्या 76 हो गयी. 

उमा भारती से जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय ले लिया गया है और उन्हें पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया है. धर्मेन्द्र प्रधान का दर्जा बढ़ाकर कैबिनेट मंत्री किया गया है और उन्हें पेट्रोलियम मंत्रालय के अलावा कौशल विकास मंत्रालय का प्रभार दिया गया. सुरेश प्रभु से रेल मंत्रालय का प्रभार लेकर उन्हें उद्योग और वाणिज्य मंत्री बनाया गया है.

मुख्तार अब्बास नकवी को पदोन्नति देते हुए अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है. राज्यवर्द्धन सिंह राठौर, गिरिराज सिंह, आर के सिंह, हरदीप सिंह पुरी और अल्फोंस कन्नाथम को स्वतंत्र प्रभार वाला राज्य मंत्री बनाया गया है. पूर्व गृह सचिव आर के सिंह को बिजली, नवीन एवं नवीनीकृत ऊर्जा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार, हरदीप सिंह पुरी को आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय तथा अल्फॉस कन्नाथम को पर्यटन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया है.

नितिन गडकरी अब सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं पोत परिवहन के साथ जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय का प्रभार भी संभालेंगे. पीयूष गोयल को नया रेल मंत्री बनाया गया है. वह कोयला मंत्रालय का प्रभार भी संभालेंगे. धर्मेन्द्र प्रधान को पेट्रोलियम मंत्रालय के अलावा कौशल विकास मंत्रालय का प्रभार दिया गया. पहले इस मंत्रालय का प्रभार राजीव प्रताप रूडी के पास था जिन्होंने मंत्रिपरिषद विस्तार से पहले इस्तीफा दे दिया था.

राज्यवर्द्धन सिंह राठौर को पदोन्नति देते हुए युवा एवं खेल मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया. वह सूचना प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री भी बने रहेंगे. मंत्रिपरिषद में आज ही शामिल हुए शिव प्रताप शुक्ला को वित्त राज्य मंत्री, अश्विनी चौबे को स्वास्थ्य राज्य मंत्री तथा वीरेन्द्र कुमार को महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री बनाया गया. अनंत कुमार हेगडे़ को कौशल विकास राज्य मंत्री बनाया गया.

डा. हर्षवर्द्धन को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान के साथ वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया. दिवंगत अनिल दवे के निधन के बाद से हर्षवर्धन वन एवं पर्यावरण का अतिरिक्त प्रभार संभाले हुए थे. सत्यपाल सिंह को मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री और जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण राज्य मंत्री बनाया गया. इससे पहले संजीव बालियान जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय में राज्यमंत्री थे और उन्होंने भी मंत्रिपरिषद विस्तार से पहले इस्तीफा दिया था.

गिरिराज सिंह को पदोन्नति देते हुए लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया. इससे पहले यह मंत्रालय कलराज मिश्रा कैबिनेट मंत्री के रूप संभाल रहे थे और उन्होंने भी मंत्रिपरिषद विस्तार से पहले इस्तीफा दिया था. विजय गोयल से खेल एवं युवा मामलों के मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार का दर्जा लेते हुए इसकी जगह उन्हें संसदीय कार्य, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम अनुपालन राज्य मंत्री बनाया गया है.

(इनपुट एजंसी से भी)

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