Assam madrassa demolished: असम में मदरसे के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के बाद सियासी जंग शुरू हो गई है. अधिकारियों ने बुधवार को बोंगाइगांव जिले में एक मदरसे को ढहा दिया जिसके परिसर में जिहादी गतिविधियां चलाने का आरोप था. अधिकारी ने बताया कि अलकायदा भारतीय उपमहाद्वीप और अंसार-उल-बांग्ला टीम से संबंध होने के शक में पिछले सप्ताह मदरसे के एक टीचर को गिरफ्तार किया था और इसके बाद यह कार्रवाई की गई है. राज्य के मुख्यमंत्री ने भी कार्रवाई को सही ठहराते हुए आगे सख्त कदम उठाने की बात कही है.


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असम CM का बड़ा बयान


मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि मदरसों को गिराए जाने का हमारा कोई इरादा नहीं है सिर्फ यह देखने का इरादा है कि जिहादी एलीमेंट उनका इस्तेमाल तो नहीं कर रहे हैं. अगर हमें कोई विशेष जानकारी मिलती है कि मदरसे की आड़ में भारत विरोधी गतिविधियों के लिए संस्थान का इस्तेमाल किया जा रहा है, तो हम उसे ढहा देंगे. इससे पहले मदरसे पर बुलडोजर का विरोध करते हुए एआईयूडीएफ के लोकसभा सांसद बदरुद्दीन अजमल ने कोर्ट में जाने की बात कही थी. इससे जवाब में मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि अदालत में कोई भी जा सकता है लेकिन किसी मदरसे के विरोध में कोई कदम उठाना सरकार की मंशा नहीं है. अगर मदरसे की आड़ में कोई दूसरा काम किया जाएगा तो सरकार कड़ा कदम जरूर उठाएगी.
 
बोंगाइगांव के जोगीघोपा इलाके में स्थित दो मंजिला कबायतारी मा आरिफ मदरसे को तोड़ने के लिए बुलडोजर तैनात किए गए थे. मदरसे के परिसर में बने अन्य ढांचों को भी ढहा दिया गया है. यह इस सप्ताह मदरसे पर एक्शन का दूसरा मामला है. इससे पहले सोमवार को बारपेटा जिले में एक मदरसे को ढहा दिया गया था, जिसमें कथित रूप से अंसार-उल-बांग्ला टीम के दो बांग्लादेशी सदस्य चार साल से रह रहे थे.


मदरसे में भारत विरोधी साजिश


बारपेटा पुलिस ने इस मामले में मदरसे के प्रिंसिपल, एक टीचर और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया था. बोंगाईगांव के पुलिस अधिकारी ने कहा कि गोलपाड़ा पुलिस को एक अभियान के दौरान कबायतारी मा आरिफ मदरसे की कैंटीन से 'जिहादी' तत्वों से संबंधित दस्तावेज मिले थे, जिसके बाद इसे ढहाया गया है. गोलपाड़ा पुलिस ने पिछले हफ्ते मदरसे के एक टीचर को गिरफ्तार किया था और उसकी ओर से दी गई जानकारी के आधार पर छापेमारी की गई थी.


पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिला आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने मदरसे को भवन मानदंडों के उल्लंघन के लिए नोटिस जारी किया था और घोषित किया था कि यह रिहाइश के लिए ठीक नहीं है. अधिकारी ने कहा कि मदरसे में 224 छात्र थे र अधिकारियों ने उन्हें 30 अगस्त की रात तक परिसर खाली करने के लिए कहा था.जिला प्रशासन ने घर जाने में उनकी मदद की और ज्यादातर बच्चों के पेरेंट्स अपने बच्चों को ले जा चुके थे. 



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