इस मुलाकात में सीएम सोनोवाल प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को राज्य की स्थिति से अवगत कराएंगे.
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गुवाहाटी: नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के खिलाफ असम समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में विरोध-प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसको लेकर अब असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल (Sarbananda Sonowal) अपने मंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मिलने दिल्ली जाने वाले हैं. इस मुलाकात में सीएम सोनोवाल अपने वरिष्ठ नेताओं को राज्य की असल स्थिति से अवगत कराएंगे.
राज्य के संसदीय कार्य मंत्री चंद्र मोहन पटोवारी ने बताया, बीजेपी विधायकों और सांसदों की गुवाहाटी में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मिलने दिल्ली जाएगा.
Assam Minister Chandra Mohan Patowary in Guwahati: It has been decided that a delegation, under the leadership of Chief Minister Sarbananda Sonowal will go to Delhi to meet Prime Minister Narendra Modi & Home Minister Amit Shah. pic.twitter.com/ucQDOi5BYM
— ANI (@ANI) December 14, 2019
असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने अपने ट्वीट में बताया कि उन्होंने असम के मौजूदा हालात को लेकर मोदी सरकार के मंत्री रामेश्वर तेली, अपने कैबिनेट सहयोगियों, पार्टी सांसदों, विधायकों, समेत असम बीजेपी अध्यक्ष रंजीत कुमार दास के साथ गुवाहाटी में बैठक की.
Discussed the present situation in Assam in a meeting with my Cabinet colleagues, union minister Shri Rameshwar Teli, MPs, MLAs & @BJP4Assam president Shri @RanjeetkrDass in Guwahati. pic.twitter.com/miBjhLPGuT
— Sarbananda Sonowal (@sarbanandsonwal) December 14, 2019
बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद, पूर्वोत्तर के कुछ भागों खासकर के असम में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. हालांकि, इस हफ्ते की शुरुआत में शुरू हुए इन हिंसक प्रदर्शनों में कमी आ रही है और स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है. असम में हालात बदल रहे हैं, जबकि त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर, मेघालय और अन्य पूर्वोत्तर राज्य लगभग सामान्य हैं. दरअसल, पूर्वोत्तर क्षेत्रों खासकर असम, त्रिपुरा, मेघालय और मणिपुर के लोगों को अप्रवासियों के वहां आने का भय है, जिससे उनकी संस्कृति और समाज की संरचना बिगड़ सकती है.