राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) के अंतिम मसौदे को सोमवार को जारी किया गया है.
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गुवाहाटी : अलगाववादी उल्फा (स्वतंत्र) कमांडर इन चीफ परेश बरुआ का नाम सोमवार को जारी किए गए राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) के अंतिम मसौदे में शामिल है. बरुआ का नाम 31 दिसंबर-एक जनवरी की रात प्रकाशित पहले मसौदे में भी दिखा था. करीब 40 साल पहले असम की संप्रभुता के लिए बगावत का बिगुल फूंकने वाले परेश बरुआ का नाम परिवार के पांच सदस्यों के साथ पूर्ण मसौदा में भी है. बरुआ के भाई बिकुल बरूआ ने यह बताया. उन्होंने बताया कि बरुआ की पत्नी बॉबी भुयां बरूआ और उनके दो बेटों अंकुर और आकाश का नाम सूची में नहीं शामिल किया जा सका क्योंकि कुछ दस्तावेज नहीं थे. हालांकि वे अगले चरण में इस प्रक्रिया को पूरा करेंगे.
सोमवार को जारी किया गया
असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के दूसरे एवं अंतिम मसौदा को सोमवार को जारी किया गया. इसमें कुल 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोग योग्य पाए गए हैं. इनके अलावा 40 लाख लोगों के वहां अवैध रूप से रहने का दावा किया जा रहा है. यह आंकड़े एनआरसी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जारी किए हैं. एनआरसी का कहना है कि यह सिर्फ मसौदा है, अंतिम सूची नहीं है. एनआरसी के रजिस्ट्रार जनरल शैलेश ने जानकारी दी है कि जिन लोगों का नाम पहले मसौदे में था और अंतिम मसौदे से गायब है, उन्हें एनआरसी की ओर से व्यक्तिगत पत्र भेजा जाएगा. इसके जरिये वह अपना दावा पेश कर सकेंगे.
राजनाथ ने कहा, घबराएं नहीं
असम में नागरिकता को लेकर सोमवार को जारी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के अंतिम मसौदे में 40 लाख नागरिकों के अवैध होने का दावा किया गया है. इस मामले में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि कुछ लोग इस मुद्दे पर बेवजह डर का माहौल बना रहे हैं. उन्होंने इस रिपोर्ट को निष्पक्ष बताया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में गलत सूचना फैलाने की जरूरत नहीं है. यह सिर्फ मसौदा है, अंतिम सूची नहीं है.