यूपी में जमकर चला मोदी-योगी का `MY फैक्टर`, योगी की वापसी के क्या हैं मायने?
बीजेपी ने पंजाब को छोड़कर यूपी, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में एक बार फिर सरकार बनाने में कामयाबी हासिल कर ली. उसकी इस बंपर सफलता के पीछे पीएम योगी की विकासवादी राजनीति का बड़ा योगदान माना जा रहा है.
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बीजेपी को सभी वर्गों ने दिए वोट
दो दशक पहले बीजेपी के लिए भी ये कहा जाता था कि वो सिर्फ ऊंची जाति वाले लोगों की पार्टी है और दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक और महिलाएं उसे वोट नहीं देती. लेकिन 2014 के बाद ये ट्रेंड पूरी तरह बदल चुका है. आज बीजेपी को उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा पिछड़ी जातियों के वोट मिले हैं. वैसे विकास के इस वोटबैंक के लिए आज एक लाइन काफ़ी इस्तेमाल हो रही है. और वो है, हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, सब पर भारी भाजपाई..
राज्य की महिला वोटरों ने बीजेपी पर सबसे ज्यादा भरोसा किया. इसका एक बड़ा कारण विकास ही है. इन महिलाओं को उज्जवला योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और तीन तलाक जैसे कानून का फायदा मिला. इसके अलावा युवा वोट बैंक भी बीजेपी के साथ एकजुट रहा. उत्तर प्रदेश के कुल 15 करोड़ वोटर्स में.. लगभग सात करोड़ महिला वोटर्स हैं. जबकि 18 साल से 30 वर्ष के साढ़े तीन करोड़ युवा वोटर्स हैं. यानी महिला और युवा वोट बैंक उत्तर प्रदेश में काफ़ी निर्णायक है. और चुनावों में बीजेपी को महिलाओं और युवाओं का भरपूर समर्थन मिला है.
इसके अलावा बीजेपी का 80-20 का फॉर्मूला भी काम कर गया. इसमें 20 प्रतिशत मुस्लिम वोटों को बीजेपी ने छोड़ दिया था और उसकी कोशिश 80 प्रतिशत हिन्दू वोटों को एकजुट करने की थी.