Rana Gul: शाहजहां ने दारा शिकोह और राणा गुल को अलग करने की बहुत कोशिश की लेकिन वह सफल नहीं हो सके. अंतत दोनों का निकाह करा दिया. इससे औरंगजेब का दिल बुरी तरह टूट गया. लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई.
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Aurangzeb love story: वैसे तो मुगल बादशाह औरंगजेब की जिंदगी में कई अनकहे किस्से छिपे हैं जिनमें अधूरी मोहब्बत की कहानी भी है. लेकिन जबसे छावा फिल्म आई है तबसे औरंगजेब की चर्चा खूब है. इतिहास में औरंगजेब को एक सख्त और कट्टर शासक के रूप में जाना जाता है. औरंगजेब की निजी जिंदगी में प्रेम के कुछ ऐसे अध्याय भी लिखे गए जो एक आम इंसान की तरह हैं. औरंगजेब ने दो बार प्यार किया लेकिन दोनों ही बार दिल टूट गया. दूसरी मोहब्बत की दास्तान तवायफ राणा गुल से जुड़ी है जिन्होंने औरंगजेब की चाहत को सिरे से ठुकरा दिया था.
शाहजहां के दरबार में महफिलें
असल में राणा गुल एक हिंदू तवायफ थीं जो शाहजहां के दरबार में महफिलें सजाया करती थीं. वह न केवल अपनी खूबसूरती बल्कि अपनी विद्वता के लिए भी जानी जाती थीं. एक रिपोर्ट के मुताबिक संस्कृत की ज्ञाता और तार्किक विचारधारा वाली राणा गुल से दरबार में कई लोग प्रभावित थे. इन्हीं में शामिल थे शाहजहां के सबसे बड़े बेटे दारा शिकोह जो उनसे बेइंतहा मोहब्बत करते थे. दिलचस्प बात यह थी कि राणा गुल भी दारा शिकोह को ही चाहती थीं. हालांकि उनकी मोहब्बत का सबसे बड़ा दुश्मन कोई और नहीं बल्कि दारा के ही छोटे भाई औरंगजेब थे जिन्हें राणा गुल से प्रेम हो गया था.
असली चाहत तो राणा गुल थीं
शाहजहां ने दारा शिकोह और राणा गुल को अलग करने की बहुत कोशिश की लेकिन वह सफल नहीं हो सके. अंतत दोनों का निकाह करा दिया. इससे औरंगजेब का दिल बुरी तरह टूट गया. लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई. सत्ता संघर्ष में औरंगजेब ने अपने ही भाई दारा शिकोह की हत्या करवा दी और इसके बाद वह राणा गुल को अपने हरम में शामिल करना चाहता था. उदैपुरी महल नाम की एक दूसरी उप-पत्नी को वह पहले ही अपने हरम में शामिल कर चुका था लेकिन उसकी असली चाहत तो राणा गुल थीं.
मर जाएंगी लेकिन औरंगजेब की नहीं
राणा गुल को अपने प्रेम में बांधने के लिए औरंगजेब ने कई बार संदेश भिजवाए लेकिन हर बार उन्हें नकारात्मक जवाब ही मिला. राणा गुल एक मजबूत महिला थीं. साफ कह दिया कि वह मर जाएंगी लेकिन औरंगजेब की नहीं होंगी. उनकी खूबसूरती की तारीफ में औरंगजेब ने एक बार पत्र भेजा जिसमें उनके घने बालों की प्रशंसा की थी. जवाब में राणा गुल ने अपने सारे बाल काटकर औरंगजेब के पास भिजवा दिए और लिखा कि अगर उनके बाल ही उनके आकर्षण का कारण हैं तो वे उन्हें समर्पित हैं.
सिर्फ दारा शिकोह की थीं और उन्हीं की रहेंगी
इसके बाद भी जब औरंगजेब ने हार नहीं मानी और उनके रूप-सौंदर्य की तारीफ करता रहा तो राणा गुल ने अपने ही चेहरे पर चाकू से गहरा घाव कर लिया. खून से लथपथ चाकू उन्होंने औरंगजेब को भिजवाया ताकि यह संदेश साफ हो जाए कि वह सिर्फ दारा शिकोह की थीं और उन्हीं की रहेंगी. यह देखकर औरंगजेब समझ गया कि सब कुछ उसके हुक्म से नहीं चल सकता. उसे अपनी हार स्वीकार करनी पड़ी. इस तरह औरंगजेब की दूसरी मोहब्बत भी अधूरी रह गई और राणा गुल का नाम इतिहास के पन्नों में एक ऐसी महिला के रूप में दर्ज हो गया जिसने शक्तिशाली मुगल शासक को भी ठुकरा दिया था.