Aurangzeb Tomb Controversy: महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद एक बार फिर गरमाता जा रहा है. दंगे और सांप्रदायिक तनाव को रोकने के लिए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) ने केंद्र सरकार से यह कब्र संरक्षित स्मारक सूची से हटाने की मांग की है.
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Aurangzeb Tomb Controversy: महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद एक बार फिर गरमाता जा रहा है. दंगे और सांप्रदायिक तनाव को रोकने के लिए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) ने केंद्र सरकार से यह कब्र संरक्षित स्मारक सूची से हटाने की मांग की है. पार्टी का कहना है कि इस कब्र को लेकर लगातार विवाद और उन्माद फैल रहा है जो महाराष्ट्र की शांति के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
नागपुर हिंसा ने बढ़ाया तनाव
पिछले सोमवार को नागपुर के मध्य इलाके में शाम करीब साढ़े सात बजे हिंसा भड़क उठी थी. इस दौरान पुलिस पर पथराव भी किया गया. वजह बनी अफवाह कि दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग के बीच किसी समुदाय के धार्मिक ग्रंथ को जला दिया गया है. इस घटना ने राज्य भर में माहौल को और अधिक तनावपूर्ण बना दिया.
सामना संपादकीय में तल्ख शब्दों में उठाई मांग
शिवसेना (उद्धव गुट) के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित संपादकीय में साफ तौर पर कहा गया है कि औरंगजेब की कब्र को हटाने को लेकर तमाशा करने की जरूरत नहीं है. संपादकीय में लिखा गया, "औरंगजेब अपनी कब्र में ही रहेगा, वह बाहर आकर कुछ नहीं कर सकता. लेकिन उसकी कब्र का मुद्दा उन्माद फैलाने का जरिया बन गया है, जिसे खत्म किया जाना चाहिए."
फिल्म 'छावा' से फिर उभरा पुराना विवाद
दरअसल, यह विवाद फिल्म 'छावा' की रिलीज के बाद फिर से सुर्खियों में आया. विक्की कौशल अभिनीत यह फिल्म छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित है, जिन्हें औरंगजेब ने बर्बरता से मौत के घाट उतारा था. फिल्म के रिलीज होते ही आरएसएस, विहिप और भाजपा समर्थक समूहों ने औरंगजेब की कब्र को लेकर आंदोलन तेज कर दिया.
केंद्र से संरक्षण हटाने की मांग
संपादकीय में यह भी बताया गया है कि फिलहाल छत्रपति संभाजीनगर (पहले औरंगाबाद) में औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा राज्य रिजर्व पुलिस बल (SRPF) के जिम्मे है. यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित स्मारक के अंतर्गत आता है. शिवसेना ने मांग की है कि केंद्र सरकार को इस स्मारक का दर्जा तत्काल वापस लेना चाहिए. इससे जमीन मुक्त हो जाएगी और राज्य में दंगे व हिंसा की संभावनाएं कम होंगी.
उद्धव ठाकरे ने केंद्र और भाजपा पर साधा निशाना
मंगलवार को पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा को आड़े हाथ लिया. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा बार-बार 400 साल पुराने मुद्दों को उठाकर समाज को बांटना चाहती है. उद्धव ने यह भी कहा कि सरकार अगर कब्र हटाने का फैसला लेती है, तो इसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को भी बुलाया जाए.
'फडणवीस औरंगजेब को दे रहे ज्यादा अहमियत'
‘सामना’ संपादकीय में सीधा हमला करते हुए कहा गया है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस औरंगजेब को छत्रपति शिवाजी महाराज से ज्यादा महत्व दे रहे हैं. लेख में कहा गया, "छत्रपति शिवाजी महाराज सभी को साथ लेकर चलने में विश्वास करते थे, लेकिन भाजपा को यह विचारधारा कभी मंजूर नहीं रही."
संघ और भाजपा की विचारधारा पर भी निशाना
संपादकीय में दावा किया गया कि शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज कभी भी भाजपा या संघ की विचारधारा के प्रतीक नहीं रहे. आरोप लगाया गया कि इन संगठनों का असली उद्देश्य इन महापुरुषों की महानता को कमतर दिखाना है. उनका लक्ष्य पहले औरंगजेब को खत्म करना है ताकि नायक भी कमजोर नजर आने लगें.
(एजेंसी इनपुट के साथ)