अयोध्या केस: 15वें दिन की सुनवाई पूरी, हिंदू पक्षकार ने कहा- दूसरे का धर्मस्थल गिरा कर नहीं बनाई जा सकती मस्जिद
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अयोध्या केस: 15वें दिन की सुनवाई पूरी, हिंदू पक्षकार ने कहा- दूसरे का धर्मस्थल गिरा कर नहीं बनाई जा सकती मस्जिद

 रामजन्मभूमि पुनरुद्धार समिति की ओर से वकील पीएन मिश्रा ने अपनी दलीलें रखीं. 

(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: अयोध्या मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 15वें दिन की सुनवाई गुरुवार को पूरी हो गई है. रामजन्मभूमि पुनरुद्धार समिति की ओर से वकील पीएन मिश्रा की बहस शुक्रवार को भी जारी रहेगी. 

दरअसल, गुरुवार को जस्टिस बोबडे ने पीएन मिश्रा से तीन बिंदु स्प्ष्ट करने को कहा, 1- वहां पर एक इस्ट्रक्चर था इस बारे में कोई विवाद नही है, पर क्या वह स्ट्रक्चर मस्जिद है या नही, बहस यह है, 2- वह इस्ट्रक्चर किसको समर्पित था? 

पीएन मिश्रा ने कहा कि 1648 में शाहजहां का शासन था और औरंगजेब गुजरात का शासन था. इस पर मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने अप्पति जताई. मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा अब तक 24 बार मिश्रा संदर्भ से बाहर जाकर किस्से कहानियां सुना चुके है.

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि ये अपने तथ्यों को रख रहे हैं, लेकिन उन्होंने मिश्रा से भी कहा कि सिर्फ संदर्भ बताएं. पीएन मिश्रा ने कहा कि सिर्फ कोर्ट मुझे गाइड कर सकता है मेरे साथी वकील नहीं.  चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि आप स्वतंत्र हैं अपने तथ्य रखने के लिए, आप अपना पक्ष रखें. 

पीएन मिश्रा ने मस्जिद बनाने के बारे में बहस करते हुए कहा कि इस्लाम में मस्जिद बनाने के क्या कानून हैं. एक मस्जिद उसी जगह पर बनाई जा सकती है जब उसका मालिक मस्जिद बनने की इजाज़त दे, वक़्फ़ को दी गई जमीन मालिक की होनी चहिए. 

पीएन मिश्रा ने कहा कि इस्लाम के अनुसार दूसरे के पूजा स्थल को गिरा कर या ध्वस्त करके उस जगह पर मस्जिद नहीं बनाई जा सकती. उन्होंने कहा कि ऐसी ज़मीन जिस पर दो लोगो का कब्ज़ा हो और एक मस्जिद बनाने का विरोध करे तो उस जमीन पर भी मस्जिद नही बनाई जा सकती. 

मिश्रा ने कहा कि विवादित स्ट्रकचर को जुमे की नमाज के लिए 2-3 घण्टे के लिए ही खोला जाता था. सन 1860 तक विवादित स्ट्रकचर में मुसलमानों के नामज़ पढ़ने का कोई सबूत नही है. इस्लामिक कानून के अनुसार अगर कहीं मस्जिद में आज़ान होती है और 2 समय की नामज़ नही होती है तो वह मस्जिद नही रह जाती. 

जस्टिस बोबडे ने पूछा कि क्या कोई राजा राज्य की सम्पति से वक्फ बना सकता है या उसे पहले यह खरीदनी होगी ? मिश्रा ने तारीख ए फिरोज शाही का हवाला देते हुए कहा  है कि विजित संपत्ति से विजेता एक पारिश्रमिक के रूप में 1/10 का मालिक है और अपने पारिश्रमिक में से वह एक वक्फ बना सकता है.

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