VIDEO: अयोध्या विवाद, पिछले 25 साल में इस मामले में कितने मोड़ आए और क्या-क्या हुआ?
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VIDEO: अयोध्या विवाद, पिछले 25 साल में इस मामले में कितने मोड़ आए और क्या-क्या हुआ?

अयोध्या में बाबरी मस्जिद या राम मंदिर की कानूनी लड़ाई 25 साल से न्यायालय में है. हम आपको बताते हैं कि पिछले 25 साल में इस मामले में कितने मोड़ आए और क्या-क्या हुआ? 

VIDEO: अयोध्या विवाद, पिछले 25 साल में इस मामले में कितने मोड़ आए और क्या-क्या हुआ?

नई दिल्लीः अयोध्या में बाबरी मस्जिद या राम मंदिर की कानूनी लड़ाई 25 साल से न्यायालय में है. साल 1992 में बाबरी में विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद से यह लड़ाई जारी है. आज (5 दिसंबर) विवादित ढांचे के गिराए जाने की 25वीं बरसी से ठीक एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर अंतिम सुनवाई चल रही है. हम आपको बताते हैं कि पिछले 25 साल में इस मामले में कितने मोड़ आए और क्या-क्या हुआ? 

  1. बाबरी विध्वंस की 25वीं बरसी से ठीक एक दिन पहले मामले को लेकर अंतिम सुनवाई
  2. हाईकोर्ट ने अयोध्या में 2.77 एकड़ भूमि को तीन हिस्सों में बांटने का आदेश दिया था
  3. मई 2011 में यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा, 2017 में 5 दिसंबर से रोजाना होगी सुनवाई

अक्टूबर 1993 में विवादित ढांचा गिराए जाने के ठीक एक साल बाद सरकार ने इस विवादित स्थल को अपने कब्जे में ले लिया था. इस दौरान मंदिर तोड़कर उसपर मस्जिद बनाए जाने के दावे पर सुप्रीम कोर्ट से राय मांगी गई. सीबीआई ने बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी समेत आपराधिक साजिश का केस दर्ज किया. मार्च 2003 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से यह पता लगाने के लिए कहा कि जहां पर मस्जिद है क्या वहां पर पहले मंदिर था? इसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) अगस्त 2003 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में दी गई अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि विवादित स्थल पर दसवीं शताब्दी में मंदिर था. 

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मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की रिपोर्ट को चुनौती देने का फैसला किया. मई 2010 में आए एक फैसले में कोर्ट ने आडवाणी सहित कई अन्य नेताओं को आपराधिक साजिश रचने के आरोप से मुक्त कर दिया गया. जुलाई 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह कहते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया कि दोनों पक्ष आपसी बातचीत से इस मामले में किसी हल तक पहुंचे.  सितंबर 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाने की तारीख तय कर दी. इसके साथ ही कुछ लोग इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को स्थगित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचे थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी.  

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30 सितंबर 2010 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने फैसले में अयोध्या में 2.77 एकड़ के इस विवादित स्थल को इस विवाद के तीनों पक्षकार सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और भगवान राम लला के बीच बांटने का आदेश दिया था. मई 2011 में यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा. कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी और तीन पक्षों से यथास्थिति बरकरार रखने को कहा. फरवरी 2016 में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की अनुमति मांगी. 

मार्च 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में लाल कृष्ण आडवाणी समेत कई नेताओं पर आपराधिक साजिश का केस चलाने का आदेश दिया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद से जुड़े दो अलग-अलग मामलों को मर्ज कर दिया. अगस्त 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आखिरी सुनवाई करने के लिए 5 दिंसबर की तारीख तय की. 

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