आयुष्मान भारत: निजी अस्पतालों पर फंसा पेंच, स्कीम नहीं मानने पर होगा एक्शन
Advertisement

आयुष्मान भारत: निजी अस्पतालों पर फंसा पेंच, स्कीम नहीं मानने पर होगा एक्शन

अस्पतालों के लिए एक गाइडलाइन तैयार की जाएगी. अगर कोई अस्पताल धोखादड़ी करता है तो उसका लाइसेंस ले लिया जाएगा, उसे पैनल से बाहर करके कड़े एक्शन लिए जाएंगे.

आयुष्मान भारत: निजी अस्पतालों पर फंसा पेंच, स्कीम नहीं मानने पर होगा एक्शन

नई दिल्ली/सुमन अग्रवाल: 'आयुष्मान भारत' को जल्द से जल्द लागू करने के लिए सरकार ने अपनी कमर कस ली है, तैयारियां कुछ इस कदर हो रही हैं कि इस देश को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मोदीकेयर का तोहफा मिल जाए. मोदीकेयर की कमान संभालने वाले 'आयुष्मान भारत' के सीईओ डॉक्टर इंदु भूषण ने 'जी बिजनेस' से बातचीत में ये साफ संकेत भी दे दिए कि 15 अगस्त तक ये स्कीम तैयार हो जाएगी और उम्मीद है कि उस दिन ही ये लॉन्च भी हो जाए. हालांकि उन्होंने ये भी साफ कर दिया कि पीएम मोदी ही इसकी फाइनल तारीख तय करेंगे. 

  1. योजना के लिए 20 राज्यों के साथ एमओयू साइन हो गए हैं.
  2. प्राइवेट अस्पताल योजना को अपनाने में रुचि नहीं दिखा रहे.
  3. तेलंगाना ने इस पूरे प्रोजक्ट के आईटी का काम टीसीएस को दिया है.

इंदु भूषण संग की गई बातचीत के कुछ खास अंश

प्रश्न 1. निजी अस्पतालों के संग क्या बातचीत हुई है और उनका रुख कैसा है?

उत्तर - देखिए ऐसा नहीं कह सकते कि प्राइवेट अस्पताल रुचि नहीं दिखा रहे, हां अभी बड़े अस्पताल खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं... बात नहीं कर रहे हैं. हालांकि राज्यों के साथ हस्ताक्षर वाले दिन अपोलो अस्पताल मौजूद था. हम अस्पतालों की गुणवत्ता को देखकर ही उन्हें अपने पैनल में शामिल करेंगे और अगर वे इस स्कीम से दूरी बनाते हैं तो नुकसान उनका है. हमें उम्मीद है जल्द ही कुछ बड़े अस्पताल अपना सहयोग देंगे. 

प्रश्न 2. अगर अस्पताल आगे जाकर ओवरचार्ज करते हैं या स्कीम का उल्लंघन करते हैं तो क्या होगा?

उत्तर - वे ऐसा नहीं कर सकते हैं और अगर ऐसा होता है तो हम पहले उन्हें वॉर्निंग देंगे. अस्पतालों के लिए एक गाइडलाइन तैयार की जाएगी. अगर कोई अस्पताल धोखाधड़ी करता है तो उसका लाइसेंस ले लिया जाएगा, उसे पैनल से बाहर करके कड़े एक्शन लिए जाएंगे. जरूरत पड़ी तो आगे जाकर हम इस स्कीम के तहत कानून भी ला सकते हैं. 

प्रश्न 3. प्रीमियम की राशि के बारे में क्या कहेंगे, इंश्योरेंस कंपनियां इससे नाखुश हैं!

उत्तर - अभी तो प्रीमियम की राशि का कोई सवाल नहीं है. क्योंकि अब तक कुछ तय नहीं हुआ. इतने करोड़ लोग इतनी बड़ी स्कीम, प्रीमियम सोचकर तय होगा और सही होगा. अभी हमें ही नहीं पता क्या कैसे रखा जाना चाहिए. हां जो होगा दोनों के हित में होगा. 

प्रश्न 4. किन-किन राज्यों के साथ बात बन गई और क्या मॉडल वो अपना रहे हैं?

उत्तर - 20 राज्यों के साथ एमओयू साइन हो गए हैं और दो हफ्ते के भीतर 10 और के साथ समझौता हो जाएगा. बंगाल और पंजाब को लेकर हम आशा में हैं, लेकिन दिल्ली और ओड़िशा अपनी राजनीतिक कारणों को लेकर अड़ी है. 12 राज्य इंश्योरेंस मॉडल, 12 राज्य ट्रस्ट मॉडल और बाकी मिक्स्ड मॉडल पर काम करेंगे. 

प्रश्न 5. कौन सी आईटी कंपनी इसके कस्टमाइजेशन और मेनटेनेंस का काम देख रही है?
 
उत्तर - तेलंगाना ने इस पूरे प्रोजक्ट के आईटी का काम टीसीएस को दिया है. टीसीएस कस्टमाइजेशन खत्म करके जब सौंप देगा, उसके 4 -5 महीने बाद बिडिंग के जरिए किसी और एजेंसी या कंपनी को इसके आगे के मेनटेनेंस का जिम्मा सौंपा जाएगा. 

प्रश्न 6. जेनरिक दवाएं सस्ती मिलती हैं, क्या स्कीम में वो रहेंगी?

उत्तर - हां अधिकतर स्कीम में जेनरिक दवाओं का प्रावधान होता है, हमारी इस स्कीम में अब तक नहीं है. लेकिन हम कुछ सस्ती दवाओं पर जोर दे रहे हैं, आगे हम इसे स्कीम के अंदर ला सकते हैं. 

Trending news