अखिलेश सरकार में वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री आजम खान ने अब एक और विवाद को जन्म दे दिया है। आजम ने समलैंगिकता के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि आरएसएस वाले तो होते ही ऐसे हैं। अपने बयान में बेतुका तर्क देते हुए उन्होंने कहा कि इसीलिये वे शादी भी नहीं करते हैं।
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रामपुर : अखिलेश सरकार में वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री आजम खान ने अब एक और विवाद को जन्म दे दिया है। आजम ने समलैंगिकता के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि आरएसएस वाले तो होते ही ऐसे हैं। अपने बयान में बेतुका तर्क देते हुए उन्होंने कहा कि इसीलिये वे शादी भी नहीं करते हैं।
गौरतलब है कि आज (रविवार को) ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने समलैंगिक संबंधों का समर्थन किया है। आजम ने कहा कि समलैंगिकता पर संसद को अपनी सख्त राय बनानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सबसे बड़ी अदालत तो हमारी पार्लियामेंट है।
आजम ने कहा कि हम किसी का मतलब क्यों समझें जरूरी थोड़े हैं कि सारे लोग उन्हीं के विचारधारा के हों। आगे उन्होंने कहा कि संघ वाले होते ही ऐसे हैं। संघ पर शुरू से इल्जाम ही ऐसे लगते रहे हैं इसलिए वे लोग शादी नहीं करते।
आजम पर पलटवार करते हुए संघ ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई। संघ ने कहा कि आजम खान का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। विश्व हिंदू परिषद ने भी आजम के बयान की आलोचना की।
इससे पहले बीजेपी नेता और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने समलैंगिकता को लेकर 2014 में कोर्ट की ओर से दिये गए फैसले पर अपना बयान जारी किया है। जेटली का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट को अपने फैसले पर विचार करना चाहिए। जेटली ने कहा कि इस मसले पर दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से सहमति से बनाए समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने गलत ठहराया था।
जेटली के मुताबिक यह जरूरी है कि कोर्ट अपने इस फैसले पर वर्तमान प्रासंगिकता के हिसाब से पुन: विचार करे। वित्त मंत्री ने कोर्ट के फैसले को रूढ़िवादी नजरिया बताते हुए कहा कि जब लाखों लोग समलैंगिक संबंधों में शामिल हों तो आप इसे झुठला कैसे सकते हैं।