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Samajwadi Party leader Azam Khan: समाजवादी पार्टी (सपा) से कथित तौर पर नाराज चले रहे वरिष्ठ पार्टी नेता और विधायक आजम खान ने सपा छोड़ने के संकेत दिए हैं. किसी और दल में जाने की संभावनाओं पर आजम खान ने शायराना अंदाज में मंगलवार को कहा, 'कोई माकूल कश्ती सामने तो आए, अभी तो मेरा जहाज काफी है.' खान ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल को सपा की ओर से राज्य सभा चुनाव में उम्मीदवार बनाए जाने की अटकलों पर कहा कि अगर सिब्बल को राज्य सभा भेजा जाता है तो सबसे ज्यादा खुशी मुझे होगी.
उत्तर प्रदेश विधान मंडल के मौजूदा सत्र के लगातार दूसरे दिन भी सदन में आजम खान मौजूद नहीं रहे. उन्होंने कहा, 'मेरी सेहत ठीक नहीं है और आपने अंदाजा लगाया होगा कि मुझे खड़े होने में भी परेशानी हो रही है. मैं सदन के लिए चुन कर आया हूं, तो आऊंगा ही.' आजम ने सपा से नाराजगी के सवाल पर कहा, 'मैंने किसी दूसरी कश्ती के तरफ से देखा तक नहीं है, सवार होना तो बहुत दूर की बात है. लेकिन अब अंदाजा यह हुआ है कि सलाम दुआ सबसे रहनी चाहिए.'
इस सवाल पर कि क्या अब वह किसी और कश्ती की तरफ देखेंगे, खान ने कहा, 'पहले कोई माकूल कश्ती सामने तो आए, अभी तो मेरा जहाज काफी है.' इस सवाल पर कि वह परसों से लखनऊ में हैं, क्या सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने उनका हालचाल लिया, आजम खां ने कहा, 'इतनी बड़ी शख्सियत के बारे में मैं कोई टिप्पणी तो कर नहीं सकता. वह अपनी राय और अपनी मर्जी के खुद मालिक हैं.'
सपा की ओर से कपिल सिब्बल को राज्य सभा भेजने की कवायद की खबरों के बारे में आजम खान ने कहा, 'वह उनका हक भी है और वह जिस पार्टी से भी जाएंगे, वह उस पार्टी के लिए भी सम्मान का विषय रहेंगे. वह इस कदर मोहतरम (सम्मानित) शख्सियत हैं. शायद उनके होने से सबसे ज्यादा खुशी किसी को होगी तो, वह मुझे ही होगी.' इस सवाल पर कि क्या सिब्बल को राज्य सभा भेजकर आपकी सपा से नाराजगी को कम करने की कोशिश की जा रही है, खान ने कहा, 'नहीं नहीं, मैं नाराजगी की हैसियत में हूं ही नहीं, एक बीमार और कमजोर आदमी हूं.'
गौरतलब है कि भ्रष्टाचार समेत अन्य आरोपों में पिछले 27 महीने से सीतापुर जेल में बंद रहने के बाद पिछले शुक्रवार को रिहा हुए आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से जमानत दिलवाने में सिब्बल की अहम भूमिका रही थी. उन्होंने वकील के तौर पर खान की पैरवी की थी. ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि सपा सिब्बल को राज्य सभा भेज सकती है. हालांकि पार्टी ने इसकी पुष्टि नहीं की है.
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प्रदेश विधान सभा में सपा की 111 सीटें हैं और वह तीन सदस्यों को आसानी से राज्य सभा भेज सकती है. राज्य सभा के लिए नामांकन की प्रक्रिया मंगलवार को शुरू हो गई. सिब्बल वर्ष 2016 में कांग्रेस के टिकट पर सपा की मदद से राज्य सभा सदस्य चुने गए थे, मगर राज्य में कांग्रेस विधान सभा चुनाव में महज दो सीटें जीत पाई थी. इस वजह से वह किसी को भी संसद के उच्च सदन में अपने दम पर पहुंचाने की स्थिति में नहीं है.
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