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हैदराबादः एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आज बाबरी मस्जिद ढहाने की घटना को महात्मा गांधी की हत्या से ‘‘ज्यादा गंभीर’’ बताते हुए सुनवाई पूरी होने में देरी की निंदा की. उन्होंने कहा कि वर्ष 1992 में ‘‘राष्ट्रीय शर्म’’ के लिए जिम्मेदार लोग आज देश चला रहे हैं.
हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ने ट्वीट किया, ‘‘महात्मा गांधी हत्याकांड की सुनवाई दो वर्ष में पूरी हुई और बाबरी मस्जिद ढहाने की घटना जो एमके गांधी की हत्या से ज्यादा गंभीर है, उसमें अब तक फैसला नहीं आया है।’’
Mahatma Gandhi assassination trial completed in 2 years & Babri Masjid demolition which more serious than MK Gandhi killing not yet decided
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 19, 2017
उन्होंने कहा, ‘‘गांधी जी के हत्यारों को दोषी ठहराकर फांसी पर लटकाया गया और बाबरी :कांड: के आरोपियों को केन्द्रीय मंत्री बनाया गया, पद्म विभूषण से नवाजा गया, न्याय प्रणाली धीरे चलती है।’’
Gandhis killers where convicted hanged & Babri accused have been made Union Ministers,conferred Padma Vibhushan ,justice system moves slowly
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 19, 2017
उन्होंने ये टिप्पणियां ऐसे समय कीं जब उच्चतम न्यायालय ने बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में भाजपा के शीर्ष नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती के खिलाफ आपराधिक साजिश का आरेाप बहाल करने के सीबीआई के अनुरोध को स्वीकार किया.
शीर्ष अदालत ने हालांकि कहा कि राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह को संवैधानिक छूट मिली हुई है और उनके खिलाफ पद से हटने के बाद सुनवाई हो सकती है. कल्याण सिंह वर्ष 1992 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे.
If govt is committed to justice they should remove Kalyan Singh (Rajasthan Governor) & tell him to face trial: Asaduddin Owaisi #BabriMasjid pic.twitter.com/ppmzV2BdrD
— ANI (@ANI_news) April 19, 2017
ओवैसी ने मीडिया से कहा, ‘‘इसमें 24 साल की देरी हुई. 24-25 साल गुजर चुके हैं. लेकिन आखिरकार उच्चतम न्यायालय ने फैसला किया कि साजिश का आरोप होना चाहिए. लेकिन मुझे आशा है कि उच्चतम न्यायालय :वर्ष 1992 से लंबित: अवमानना याचिका पर भी फैसला करेगी.’’
उन्होंने कई ट्वीट में कहा, ‘‘क्या कल्याण सिंह इस्तीफा देकर सुनवाई का सामना करेंगे या राज्यपाल होने के पर्दे के पीछे छिपेंगे, क्या मोदी सरकार न्याय के हित में उन्हें हटाएंगे, मुझे संदेह हैं.’’
Will Kalyan Singh resign & face trial or hide behind cover of being Governor ,Will Modi govt remove him in Interest of Justice I doubt
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 19, 2017
ओवैसी ने कहा कि उनको लगता है कि अगर उच्चतम न्यायालय ने कार सेवा की अनुमति नहीं दी होती तो बाबरी मस्जिद नहीं ठहायी जाती और उच्चतम न्यायालय का अभी भी अवमानना याचिका पर सुनवाई करना बाकी है.
उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार के हलफनामा देने के बाद 28 नवंबर 1992 में ‘सांकेतिक’ कार सेवा की अनुमति दी थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने शांतिपूर्ण कार सेवा के लिये हलफनामा दिया था. इसके बाद 6 दिसंबर को कारसेवकों ने 16वीं सदी की यह मस्जिद गिरा दी थी.