तेज तूफान के बीच ओडिशा में बच्ची ने लिया जन्म, मम्मी-पापा ने नाम रखा 'फोनी'
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तेज तूफान के बीच ओडिशा में बच्ची ने लिया जन्म, मम्मी-पापा ने नाम रखा 'फोनी'

जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को तेज तूफान के बीच रेलवे अस्पताल में सुबह 11.30 मिनट पर इस बच्ची की जन्म हुआ. महिला रेलवे कर्मचारी है. 

मां और बेटी दोनों ही स्वस्थ हैं. (फोटो साभार- एएनआई)

नई दिल्ली: ओडिशा के तट से शुक्रवार सुबह फोनी चक्रवात टकरा गया है. फोनी की वजह से तेज बारिश हो रही है और हवाएं चल रही हैं. इस समय पुरी और उसके आसपास के इलाकों में हवा की रफ्तार 200 किमी प्रति घंटे से अधिक है. राज्‍य सरकार ने ओडिशा में करीब 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा है. साथ ही अन्‍य लोगों को घरों पर ही रहने की सलाह दी गई है. इस घटना की बीच भुवनेश्वर में एक 32 साल की एक महिला रेलवे हॉस्पिटल में एक बच्ची को जन्म दिया है, जिसका नाम इसी तूफान के नाम यानि फोनी रख दिया गया है.

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जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को तेज तूफान के बीच रेलवे अस्पताल में सुबह 11.30 मिनट पर इस बच्ची की जन्म हुआ. महिला रेलवे कर्मचारी है. जो कोच रिपेयर वर्कशॉप, मंचेश्वर में सहायिका के रूप में कार्यक्रत है. रेलवे अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक, मां-बेटी दोनों ही स्वस्थ है. 

आपको बता दें कि ओडिशा में फोनी तूफान के कारण तीन लोगों की मौत हुई है. जबकि एक महिला गंभीर रूप से घायल है. ओडिशा के नयागढ़ में एक महिला की मौत घर की दीवार गिरने से हुई है. कोणार्क में घर की दीवार गिरने से एक महिला गंभीर रूप से घायल हुई है. वहीं, पुरी में सुरक्षित स्‍थान पर ले जाते समय एक व्‍यक्ति की मौत हुई है. इसके अलावा पत्तामुंडाई में भी एक महिला की मौत हुई है.

 

ओडिशा के गंजाम और पुरी में फोनी कहर बरपा रहा है. गंजाम, भुवनेश्‍वर और पुरी में कई जगह पेड़ और बिजली के खंभे गिर पड़े हैं. उन्‍हें हटाने का कार्य लगातार जारी है. समुद्र के किनारे बसे मंदिर शहर पुरी में कई इलाके और अन्य जगहों में पानी भर गया है. राज्य के सभी तटीय इलाकों में भारी बारिश हो रही है. कई पेड़ उखड़ गए और भुवनेश्वर समेत कुछ स्थानों पर बनीं झोपड़ियां तबाह हो गई हैं.

मौसम विभाग के अनुसार पुरी में इस समय हवा की अधिकतम रफ्तार 240 किमी प्रति घंटा से 245 किमी प्रति घंटा के बीच है. साथ ही पूरे ओडिशा तट पर भारी बारिश हो रही है. फोनी के पूरी तरह से टकराने के बाद इसका असर कम होगा और यह पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों की ओर जाएगा.

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