Lord Hanuman born in Kishkindha: भगवान हनुमान के जन्म स्थान को लेकर शुरू हुए विवाद के बीच इतिहासकार ने बड़ा खुलासा किया है. कला इतिहास चित्रकला परिषद के एचओडी डॉक्टर राघवेंद्र कुलकर्णी ने दावा किया है कि बजरंगबली का जन्म (Bajrangbali Birthplace) कर्नाटक के किष्किंधा में हुआ था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भगवान हनुमान के जन्म को लेकर हमारे पास एक नहीं, अनेक प्रमाण हैं.


किष्किंधा में हुआ था भगवान हनुमान का जन्म: इतिहासकार


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भगवान हनुमान के जन्म स्थान (Bajrangbali Birthplace) को लेकर डॉक्टर राघवेंद्र कुलकर्णी ने कहा, 'हनुमान आस्था के बड़े स्वरूप है. पूरे देश भर में उनको मानने वाले हैं और यही वजह है कि उनके जन्म स्थान को लेकर अलग-अलग स्थानों की चर्चा होती है, लेकिन वास्तविकता ये है कि हनुमान का जन्म किष्किंधा में हुआ था. जो आज के समय में कर्नाटक में स्थित हम्पी या कोप्पल है.'


भगवान हनुमान के जन्म को लेकर सबूत!


राघवेंद्र कुलकर्णी ने कहा, 'भगवान हनुमान के जन्म को लेकर हमारे पास एक नहीं, अनेक प्रमाण है. रामायण त्रेता युग में हुई थी, ये सभी मानते हैं, लेकिन किस समय हुई थी ये कोई नहीं जानता.' उन्होंने आगे कहा, 'सबसे पहले आप हम्पी की टोपोग्राफी देखिए, जो बिल्कुल उसके अनुरूप है जिसकी चर्चा किष्किंधा कांड या रामायण में है. चाहे वो तुलसी रामायण हो या कोई और दूसरा रामायण.'


'हम्पी में भगवान राम और हनुमान के कई मंदिर'


राघवेंद्र कुलकर्णी ने कहा, '10वीं शताब्दी से लेकर अब तक हमारे पास हम्पी का इतिहास है. यहां कई राजा आए और चले गए. हमारे पास प्रमाण है कि किन-किन राजाओं ने कितने राम और हनुमान मंदिर का निर्माण कराया. ये सभी राजा भगवान राम और हनुमान के मंदिर का निर्माण क्यों करवा रहे थे?'


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उन्होंने आगे कहा, 'अजनाद्री पर्वत पर आज भी वानरों की बड़ी संख्या है. तुंगभद्रा नदी, जो इस पर्वत के साथ बहती है. वहां की खेती भी इन वानरों के प्रिय केला और आम की ही है. हमारे पुराणों में इसकी चर्चा है. जिन्होंने भी रामायण पढ़ी या देखी है, किष्किंधा कांड को पढ़ा और समझा हैं, उन्हें भगवान हनुमान के जन्म स्थान को लेकर कोई संशय नहीं है.'



हम्पी ही है भगवान हनुमान का जन्म स्थान: इतिहासकार


डॉक्टर राघवेंद्र कुलकर्णी ने कहा, 'भारत आस्था का देश है. देश में लोग झारखंड और नासिक से लेकर तिरुमला तक हनुमान के जन्म स्थान की चर्चा करते है, लेकिन जब प्रमाण की बात होगी तो हम्पी ही उनका जन्मस्थल है और हमेशा माना जाएगा. ये लगभग वैसा ही सत्य है, जैसा भगवान राम का जन्म स्थान अयोध्या है.'


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