विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के मामले में बैंकों को मिले 18 हजार करोड़ रुपये
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विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के मामले में बैंकों को मिले 18 हजार करोड़ रुपये

विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के मामले में बैंकों को 18 हजार करोड़ रूपये मिले हैं. केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को ये जानकारी दी है.

बैंकों को मिले 18 हजार करोड़ रूपये

नई दिल्ली:  केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के मामले में बैंकों के 18 हजार करोड़ रुपये लौटें है. तुषार मेहता ने कोर्ट के समक्ष बताया कि सुप्रीम कोर्ट में लंबित धनशोधन निवारण कानून (पीएमएलए) से जुड़े मामले में कुल मिलाकर 67 हजार करोड़ रुपये हैं.

  1. बैंकों को मिले 18 हजार करोड़ रूपये
  2. विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के मामले में मिले करोड़ों
  3. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दी जानकारी

विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोक्सी के मामले में बैंकों को मिले 18 हजार करोड़ रुपये 

मौजूदा समय में 4,700 मामलों की हो रही जांच 

खंडपीठ के अन्य सदस्य जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सी टी रविकुमार हैं. उन्होंने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय मौजूदा समय में 4,700 मामलों की जांच कर रहा है. तुषार मेहता ने बताया कि गत पांच साल के दौरान ईडी के द्वारा जांच के नये मामले वर्ष 2015-16 के 111 मामले से 2020-21 के 981 मामले के दायरे में हैं.

ईडी को ये हैं अधिकार

सुप्रीम कोर्ट ईडी को पीएमएलए के तहत प्राप्त शक्तियों के वृहद दायरे को चुनौती देती याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है. ईडी को पीएमएलए के तहत जांच, जब्ती, सर्च और संपत्ति जब्त करने का अधिकार है. मेहता ने कोर्ट को जानकारी दी कि वर्ष 2016 से वर्ष 2021 के दौरान ईडी ने जांच के लिए पीएमएलए के सिर्फ 2,086 मामले स्वीकार किए जबकि ऐसे मामलों के लिए 33 लाख प्राथमिकियां दर्ज थी. 

अन्य देशों के अपेक्षा भारत में दर्ज होते हैं कम मामले

सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि पीएमएलए के तहत हर साल बहुत कम संख्या में मामलों को लिया जाता है जबकि ब्रिटेन में मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत हर साल 7,900 मामले, अमेरिका में 1,532 मामले, चीन में 4,691 मामले, आस्ट्रिया में 1,036 मामले, हांगकांग में 1,823 मामले, बेल्जियम में 1,862 मामले और रूस में 2,764 मामले दर्ज किए जाते हैं. पिछले कुछ सप्ताह के दौरान कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, मुकुल रोहतगी, सिद्धार्थ लुथरा, अमित देसाई आदि वरिष्ठ वकीलों ने पीएमएलए में संशोधन के जरिये लाए गए प्रावधानों के संभावित दुरुपयोग से संबंधित विभिन्न पहलुओं की ओर सुप्रीम कोर्ट का ध्यानाकर्षण किया है.

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